scriptकमलनाथ से मेरी चालीस साल से मित्रता, इसे खंडन करने भाजपा ने बड़ा प्रयास किया | forty-year friendship with KamalNath, BJP made a big effort to deny it | Patrika News

कमलनाथ से मेरी चालीस साल से मित्रता, इसे खंडन करने भाजपा ने बड़ा प्रयास किया

locationकटनीPublished: May 30, 2020 10:05:22 pm

दद्दाजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कटनी में मीडिया से कही बड़ी बात.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा जिस प्रकार मंडी में जानवर बिकते हैं, उस प्रकार यहां विधायकों की खरीद हुई.

In the Circuit House, former Chief Minister Digvijay Singh distributed the material in the raw food distribution campaign being run by the Youth Congress President Manu Dixit and NSUI President Anshu Mishra for the needy families.

सर्किट हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने युवक कांग्रेस अध्यक्ष मनु दीक्षित और एनएसयूआइ अध्यक्ष अंशु मिश्रा द्वारा जरूरतमंद परिवारों के लिए चलाए जा रहे कच्चा अनाज वितरण अभियान में सामग्री वितरित की.

कटनी. चालीस साल से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की मित्रता है। और इस मित्रता को खंडन करने के लिए भाजपा और अनेक लोगों ने बड़ा प्रयास किया। लेकिन मैं बता देता हूं हम दोनों के बीच न कभी दरार थी न आज है और न कभी होगी। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कटनी स्थित दद्दाधाम में संत देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी को श्रद्धांजलि देने से पहले मीडिया से चर्चा में उक्त बाते कहीं। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में 24 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत हो। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मध्यप्रदेश में जनता के जनमत के साथ धोखा हुआ है। जिस प्रकार से मंडी में जानवर बिकते हैं उस प्रकार से यहां विधायकों की खरीद हुई। 35 से 50 करोड़ रूपये तक में विधायकों को खरीदा गया।

उन्होंने कहा कि राजनीति में जनता व कार्यकर्ता की हर राजनीतिक दल से कोई न कोई नराजगी रहती है। इसलिए पूर्व में मेरे द्वारा कहा गया कि मेरे या पार्टी के किसी भी नेता व कार्यकर्ता से किसी की नराजगी है तो उसे बाद में देख लेंगे। इस बार तो प्रजातंत्र को बचाओ। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि दद्दाजी ने सनातन धर्म के क्षेत्र में नया अध्याय रचा था। उनके देवलोग गमन के दिन मैं शामिल नहीं हो सका इसका मुझे खेद है। आज त्रयोदशी के दिन मैं उन्हे श्रद्धांजलि देने आया हूं।

 

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सर्किट हाउस में पीसी के लिए कक्ष में प्रवेश के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा एसडीएम व पुलिस को बुलाइए, सोशल डिस्टेंसिंग की जवाबदारी उनकी है, मेरी नहीं। कोरोना पर कहा कि जनवरी माह में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार ने कोरोना की चुनौती से निपटने की तैयारी कर ली थी। राहुल गांधी ने फरवरी माह में ही संकेत दिया था कि देश में स्थिति भयंकर होने वाली है।

– लॉकडाउन करने से पहले दुनिया के दूसरे देशों ने पर्याप्त समय दिया। हमारे यहां प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की और सिर्फ चार घंटे ही समय मिला। जो सामाजिक कार्य में गया तो वह वहीं फंस गया, अस्पताल में, टूरिस्ट व अन्य स्थानों पर लोग फंस गए। पूरे देश में तबाही मच गई।

– कोरोना में स्वास्थ्य से ज्यादा गंभीर विषय भारत की अर्थव्यवस्था का है। 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो दिन में कमाते हैं तो रात में चूल्हा जलता है। यहां अनाज का पूरा भंडार है, लेकिन पांच-पांच किलो ही दिया गया। इतने चावल में होता क्या है। जो बिजली के बिल मध्यमवर्गीय परिवार के भी दो से ढाई सौ रूपये आते थे अब ढाई हजार रूपये आने लगे हैं।

– पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के अंदर एक वीडियो आया है जिसमें मजदूरों के टिकट के मामले में भी डेढ़ से दो सौ रूपये लिया जा रहा है। भाजपा का काम ही है आपदा में अवसर ढूंढऩा। पीपीइ किट, मास्क व सैनिटाइजर खरीदी में इंदौर में भ्रष्टाचार हुआ। हिमाचल में तो अध्यक्ष का ही नाम आ गया। भाजपा का चाल चरित्र चेहरा ही यही है। भाजपा आपदा में अवसर ढूंढती है कांग्रेस पार्टी आपदा के समय गरीब के साथ खड़ी रहती है।

– दिग्विजय सिंह ने कहा कि कल नरसिंहपुर गया था झोतेश्वर में महराज स्वरूपानंद जी के आश्रम में मोहन भागवत का बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि कोरोना आने के बाद मेरी आस्था धर्म से उठ गई है। अब जितने मंदिर है उन सब पर ताला बंद कर सोना चांदी और राशि जब्त कर अस्पताल आदि खोलने के लिए दीजिए। मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि आपका अगर यही कहना है तो अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण में भी आपका यही मत है क्या। क्या भगवान राम का मंदिर अयोध्या में नहीं चाहते। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी व मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज से मांग है कि जो सोशल डिस्टेंसिंग आप दुकानों में कर रहे हैं वह आप मंदिर, मस्जिद गिरिजाघर मेंं क्यों नहीं कर देते। मंदिरों में ताला लगने से ठाकुरजी की सेवा नहीं हो रही है। पुजारी बेरोजगार हो गए हैं।

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