शहर के मुख्य मार्गों में रात के समय स्ट्रीट लाइट नहीं जलने के कारण आपराधिक गतिविधियों की चपेट में आने का भय बना रहता है। खासबात यह है कि नगर निगम में प्रतिदिन नागरिकों से लेकर निवर्तमान पार्षद और जनप्रतिनिधि स्ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। इसमें समय पर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी स्ट्रीट लाइट सुधारने में विलंब के पीछे सामग्री उपलब्धता में देरी की बात कह रहे हैं। तो नागरिक ऐसे बेपरवाह अधिकारी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बतादें कि शहर में 13 सौ से ज्यादा स्ट्रीट लाइट हैं मुख्य मार्ग से लेकर अंदर गलियों तक लगे हैं। इनमें से सौ से ज्यादा खंभों में स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण परेशान हो रहे नागरिक। मरम्मत के लिए 2 इंजीनियर, 1 सुपरवाइजर और अन्य स्टॉफ की तैनाती स्ट्रीट लाइट के लिए है।
निवर्तमान पार्षद राजकिशोर यादव बताते हैं कि शहर में कई गलियों में महीनों से स्ट्रीट लाइट बंद है। अंधेरे के कारण पूर्व में कई बार बड़े आपराधिक गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाने के मामले सामने आने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी इस मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मिथिलेश जैन कहना है कि शहर की जनता को सड़क प्रकाश व्यवस्था देने का दायित्व नगर निगम का है। जरुरी सामग्री नहीं थी तो खरीद की प्रक्रिया समय रहते अपनानी थी। लापरवाही बरती गई और परेशानी नागरिकों को रही है। प्रत्येक वार्ड में 20 से ज्यादा खंभों में स्ट्रीट लाइट बंद हैं। हमने नगर निगम आयुक्त से व्यवस्था में सुधार किए जाने की मांग की है।
नगर निगम आयुत्त सत्येंद्र धाकरे के अनुसार शहर में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था की समीक्षा की गई है। स्ट्रीट लाइट के लिए जरुरी सामग्री के टेंडर में विलंब होने के कारण सुधार प्रक्रिया समय पर नहीं हुई। दो से तीन दिन में सुधार प्रारंभ हो जाएगा।