इन सबके बीच कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए शासकीय और निजी कार्यालय के कर्मचारी हों या फिर आम नागरिक। एक समझदारी अपनाने की राह में आगे भी बढ़ चुके हैं। वह है आमने-सामने की मुलाकात में कम से कम समय देना। दो मिनट व उससे कम रखकर स्वयं को संक्रमित होने से बचाने की कोशिशें चल रही है। इधर कोरोना संक्रमण और आने वाली चुनौती पर पत्रिका ने कलेक्टर एसबी सिंह ने बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल: क्या आपको नहीं लगता कि मरीजों की बढती संख्या देखते हुए लॉकडाउन की जरूरत है क्योंकि आने वाले समय में त्यौहार हैं उससे पहले संक्रमण पर काबू जरूरी है?
जवाब: लॉकडाउन के लिए तो सरकार ने नियम बना रखे हैं। हम अपने स्तर पर लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें।
सवाल: लॉकडाउन नहीं कर रहे हैं तो बाजार में भीड रोकने के लिए क्या उपाय कर रहे हैं?
जवाब: भीड़ नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। किसी भी बड़े आयोजन में सौ से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे। जुलूस में दस से ज्यादा लोग शामिल होंगे। बिना अनुमति जुलूस नहीं निकलेगा। प्रतिमा विसर्जन में ज्यादा लोग नहीं रहेंगे।
सवाल: मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के बाद अस्पताल में बिस्तर कम पड़ जाएंगे, कैसे व्यवस्था बनाएंगे?
जवाब: जिले में 650 बिस्तर की व्यवस्था है। अभी डेढ़ सौ मरीज ही भर्ती हैं, जो इलाज करवा रहे हैं। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में इलाज पसंद कर रहे हैं। इसमें उन्हे मानसिक रूप से भी संबल मिलता है। ऐसे में बिस्तर की कमीं नहीं होगी। कटनी में इलाज की बेहतर व्यवस्था का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पड़ोसी जिले उमरिया, पन्ना व दमोह के नान कोविड मरीज भी बड़ी संख्या में यहां इलाज करवाने आ रहे हैं।
सवाल: त्यौहारों को लेकर क्या रणनीति तैयार कर रहे हैं?
जवाब: त्यौहारों में भीड़ कम करने के लिए हमने प्रारंभिक रणनीति तैयार कर ली है। लोगों से अपील करेंगे कि बाजार बहुत जरूरी होने पर ही जाएं। होम डिलवरी सुविधा का लाभ लें। बाजार निकलने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें, मास्क जरूर लगाएं। कोरोना संक्रमण से बचाव में मास्क फायदेमंद है।