ऋषिकेश व गंगोत्री से आना था गंगाजल
डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के डाकघर में ऋषिकेश व गंगोत्री से गंगाजल आना था। पैकिंग के लिए प्लांट भी लगाए गए हैं। डाकघरों में गंगाजल की बोतलें 250 एमएल और 500 एमएल में आनी थी। दोनों बोतलों की कीमत भी 25 और 35 रुपये की है। डाक विभाग के अधिकारियों की मानें तो कई बार वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भी भेजा जा चुका है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सब्सिडी के साथ मिलते एलइडी पंखें व ट्यूबलाइट:
बिजली मिल में राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने डाकघरों से एलइडी पंखें, ट्यूबलाइट व एसी बेचने की योजना बनाई, लेकिन गंगाजल की तरह इलेक्ट्रॉनिक सामान भी डाक विभाग उपलब्ध नहीं करा। जबकि योजना को शुरू हुए दो साल से अधिक का समय बीत गया है। बतादें कि डाकघर से मिलने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामानों में करीब 50 फीसदी की सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती। जिससे लोगों को राहत मिलती। साथ ही बिजली खपत भी कम होती।
घटा दी रिप्लेशमेंट की सीमा
डाक विभाग के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री नहीं आने के कारण निजी दुकानदारों की चांदी हो गई। दुकानदार महंगे दाम पर एलइडी आइटम बेच रहे है। साथ ही ग्राहकों से 10 रुपये लेकर डाकघर से निशुल्क रिप्लेशमेंट करा रहे है। जिस वजह से डाक विभाग ने रिप्लेशमेंट की सीमा भी कम कर दी है। शुरुआत में यह तीन साल की थी, लेकिन इसे घटाकर अब एक साल कर दिया गया है।
इनका कहना है:
ंंगंगाजल व एलइडी पंखे, ट्यूबलाइट व एसी को लेकर कई बार पत्राचार किया गया है। जिले में सामग्री किस वजह से नही आ पा रही है। बता पाना मुश्किल होगा। डाकघर में सिर्फ बल्व ही मिल रहा है।
पंकज निगम, मुख्य पोस्ट मास्टर डाकघर।
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इनका कहना है
पता करेंगे की डिमांड जिले से आई की नहीं है। कई बार स्टाक भी खत्म हो जाता है। डाकघर में गंगाजल व इलेक्ट्रॉनिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
केके अवस्थी, एएसपी हेड क्वार्टर डाकघर, जबलपुर।