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कटनी

इस पैसेंजर ट्रेन की बोगी में हुआ गैंगरेप, दूसरी बोगियों में चल रहा था ये खेल, देखें वीडियो…

सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक खुले रहते हैं रैक, दिनभर बोगियों में डटे रहे हैं संदिग्ध और यात्री

कटनीJul 13, 2018 / 12:26 pm

shivpratap singh

gangrape in passenger train bogie

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कटनी. दिनदहाड़े हुई गैंगरेप की वारदात में रेलवे अफसरों व कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आई है। जिस पैसेंजर ट्रेन के रैक में वारदात को अंजाम दिया वह प्लेटफार्म पर असुरक्षित ढंग से खड़ा किया गया था। रैक खुला होने का के कारण अपराधी ट्रेन में घुस गए और वारदात को अंजाम दिया। अफसरों की इस लापरवाही के चलते और भी संगीन वारदात यहां घटित हो सकती है।
जानकारी के अनुसार जिस पैसेंजर ट्रेन के रैक में वारदात हुई वह गाड़ी संख्या ५१६०४ कटनी-बीना पैसेंजर के रूप में बनकर चलती है। ये रैक सुबह ८ बजे कटनी रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली गाड़ी संख्या ५१७७६ चौपन-कटनी पैसेंजर ट्रेन का है। जिसे सुबह ८ से शाम ५ बजे तक प्लेटफार्म क्रमांक १ पर खड़े रखा जाता है। रेलवे कर्मचारी पूरी ट्रेन को लॉक नहीं करते, जिसके चलते इसमें अपराधिक तत्व व यात्री दिनभर बैठे रहते हैं। किसी बोगी में दो-तीन यात्री होते हैं तो किसी में एक परिवार बैठा होता है। संदिग्ध परिस्थितियों में भी लोग यहां बैठते हैं। ऐसी स्थिति में खाली खड़ी इन बोगियों में कोई भी अपराधिक तत्व आसानी से वारदात को अंजाम दे सकता है। गुरुवार दोपहर २ बजे भी प्लेटफार्म पर खड़े इस रैक में यात्री बैठे हुए नजर आए। किसी भी रैक को रेलवे कर्मचारियों द्वारा लॉक नहीं किया गया था। दिव्यांग, महिला कोच सहित अन्य कोच में लोग बैठे हुए थे तो कुछ लोग ताशपत्तों में व्यस्त थे।
पुलिस भी नहीं करती रोकटोक
रैक में संदिग्ध परिस्थितियों में बैठे लोगों से जीआरपी व आरपीएफ को भी कोई सरोकार नहीं है। पुलिसकर्मी न तो कभी यात्रियों को इन रैक से उतारते हैं और न ही पूछताछ करते। यदि रैक को लॉक किया जाता तो यहां गैंगरेप जैसी वारदात नहीं होती।
इनका कहना
स्टेशन पर रैक लॉक कर ही खड़े किये जाते हैं। उनकी सफाई के दौरान सफाईकर्मी उन्हें खोलते हैं और फिर लॉक कर दिया जाता है। ट्रेन चलने के कुछ समय पूर्व ही लॉक खोलने का नियम है। कटनी घटित वारदात की जानकारी मिली है। यदि रैक रखरखाव में किसी तरह की लापरवाही हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ, जबलपुर मंडल

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