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जनरल प्रमोशन को लेकर विद्यार्थियों ने कहा अपनी काबिलियत पर दें परीक्षा, भविष्य का रास्ता स्वयं करें तय

locationकटनीPublished: May 31, 2020 09:20:08 pm

Submitted by:

balmeek pandey

कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन चल रहा है। कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक व कक्षा 9वीं व कक्षा 11 वीं को जनरल प्रमोशन मिल गया है। कक्षा 10वीं में भी जनरल प्रमोशन सरकार ने कर दिया गया। कक्षा 12वीं और कॉलेज में जनरल प्रमोशन नहीं हो रहा है। इसमें परीक्षाएं आयोजित होंगी। वहीं कॉलेज की कक्षाओं में भी जनरल प्रमोशन न हो इसके पक्ष में कई विद्यार्थी हैं।

General promotion should not be under lockdown

General promotion should not be under lockdown

कटनी. कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन चल रहा है। कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक व कक्षा 9वीं व कक्षा 11 वीं को जनरल प्रमोशन मिल गया है। कक्षा 10वीं में भी जनरल प्रमोशन सरकार ने कर दिया गया। कक्षा 12वीं और कॉलेज में जनरल प्रमोशन नहीं हो रहा है। इसमें परीक्षाएं आयोजित होंगी। वहीं कॉलेज की कक्षाओं में भी जनरल प्रमोशन न हो इसके पक्ष में कई विद्यार्थी हैं। प्रदेश के राज्यपाल के निर्णय को भी सही बता रहे हैं। विद्यार्थियों का यह तर्क है कि छात्र अपनी काबिलियत के आधार पर परीक्षा दें और भविष्य का रास्ता स्वयं तय करें। परीक्षा न होने से सिर्फ पास की मार्कसीट मिलने से अच्छी पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी निराश होंगे वहीं न पढऩे वाले और खुश होंगे। इसलिए परीक्षा कराया जाना नितांत आवश्यक है। तभी योग्यता का सही आंकलन हो पाता है। विद्यार्थी जनरल प्रमोशन को नकारात्मक बताते हुए इसे विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बता रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि नई पीढ़ी जो डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी आदि के लख्य की लेकर पढ़ाई कर रहे हैं उनको यह निर्णय हीन भावना से ग्रसित कर सकता है। इसलिए सोशल डिस्टेंस और नियमों का ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं आयोजित होनी चाहिए।

विद्यार्थियों ने रखी अपनी बात
कोविड 19 के कारण मध्यप्रदेश के सभी महाविद्यालयों में इस सत्र की परीक्षा नही हो पाईं। मध्यप्रदेश राज्यपाल लालजी टंडन ने आदेश जारी किया कि प्रदेश में महाविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। यह फैसला सही है। इस फैसले का मैं स्वागत करती हूं। ये आदेश से यह तय होता है कि छात्र अपनी काबिलियत पर परीक्षा दे कर भविष्य का रास्ता स्वयं तय करें।
साध्वी निगम, कॉलेज छात्रा।

अभाविप हमेशा से ही छात्र हित के कार्य करती रही है। आज हमें वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति की ओर सोचना पड़ेगा और जब स्थिति सामान्य हो तब विश्वविद्यालय अपनी परीक्षा करवाए। साथ ही मेरा साथियों से प्रश्न भी है कि यदि आने वाले साल में भी कोरोना खत्म नही हुआ तो क्या ये हर साल जनरल प्रमोशन मांगेंगे।
मृदुल मिश्रा, प्रान्त सह संगठन मंत्री अभाविप।

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था वैसे भी लचर है और यहां सतत मूल्यांकन केवल एक औपचारिक मात्र होता है। इस औपचारिकता को पूर्ण करने के लिए स्वयं टीचर्स को छात्र को बुलवाना पड़ता है। जिससे सतत मूल्यांकन परीक्षा पूर्ण हो जाए। स्वयं आप स्टूडेंट से सर्वे करा सकते हैं कितनों ने परीक्षा दी। जनरल प्रमोशन उचित नही। परीक्षा तो पूरे सत्र का मूल्यांकन है कि छात्र ने वास्तव किया क्या। वही मूल्यांकन उसके भविष्य को तय करेगा।
अंजनेय तिवारी, वरिष्ठ छात्र नेता।

विद्यार्थियों के हित के लिए जनरल प्रमोशन जैसे शब्दों का उपयोग नहीं होना चाहिए। वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए मप्र शासन को वैकल्पिक प्रश्नों के आधार पर परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए। जो भी छात्र संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे है, उनके लिए एक संदेश है, कि छात्रों को अपनी काबिलियत पर उसके भविष्य का रास्ता तय करने दे जिससे हमारा प्रदेश एक समृद्ध राज्य की ओर अग्रसर हो।
सोनल वाधवा, नगर छात्रा प्रमुख अभाविप।

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