जनवरी से मई पांच माह के दौरान सबसे कम सड़क हादसे अप्रैल माह में हुई। अप्रैल माह में पांच लोगों को जान गवानी पड़ी। यह आंकड़ा जनवरी माह में 120 सड़क हादसे और 22 मौतो से कम है। जो कि अपनो को खोने के डर के बीच सुकून देने वाली है।
कोरोना संक्रमण का प्रभाव जनवरी और फरवरी माह में नहीं रहा। इस दौरान जीवन भी सामान्य रहा। जनवरी माह में 120 सड़क हादसे में 22 और फरवरी माह में 94 सड़क हादसे में 17 लोगों की जान गई। मार्च माह में जनता कफ्र्यू 22 तारीख के बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच लॉकडाउन एक की घोषणा हुई। मार्च माह में 72 सड़क हादसे में 12 मौतें हुई।
लॉकडाउन दो 15 अप्रैल से तीन मई के बीच रहा। अप्रैल माह में जिले में सबसे कम 19 सड़क हादसे में पांच की जान गई। लॉकडाउन तीन 4 से 17 मई के बीच रहा और लॉकडाउन चार 18 से 31 मई तक रहा। इन दोनों ही लॉकडाउन में आवागमन में ढील दी गई। मई माह में 44 सड़क हादसे में 10 लोगों की जान गई। एक जून से अब लॉकडाउन पांच लागू है।
कोरोना संक्रमण के दौरान एहतियात बरतने और नियमों का पालन करवाने में यातायात विभाग सजग रहा। यातायात विभाग के प्रभारी राघवेंद्र भार्गव बताते हैं कि लॉकडाउन में आवागमन के लिए छूट मिलने के साथ ही कोशिश रही कि हादसे ज्यादा नहीं हो और लोग सुरक्षित आवागमन करें।
एसपी ललित शाक्यवार बताते हैं कि लॉकडाउन का असर सामान्य जनजीवन पर सकारात्मक रूप से पड़ा है। यह बात सही है कि लॉकडाउन एक और दो में लोग घरों से नहीं निकले तो हादसे भी कम हुआ।