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उड़द के सरकारी बीज ने दिया धोखा, पत्ते पड़े पीले, फलियों में दाने नहीं आए

locationकटनीPublished: Jun 17, 2021 11:19:19 am

मिशन मध्यप्रदेश: किसानों ने कहा गर्मी में भरी दोपहरी पानी सिंचाई की और सरकारी बीज से सब कुछ बर्बाद हो गया.

Lakhan Dubey, a farmer of Gatkheda village, showing the loss in agriculture due to non-fruiting of urad crop.

गाताखेड़ा गांव के किसान लखन दुबे ने उड़द की फसल पर फल नहीं लगने से खेती में हुए नुकसान दिखाते हुए।

कटनी. बहोरीबंद विकासखंड के गाताखेड़ा और आसपास के दूसरे गांव के किसानों की परेशानी कृषि विभाग से अनुदान पर मिली उड़द की बीज ने बढ़ा दी है। किसानों ने गर्मी के मौसम में उड़द की खेती के लिए कृषि विभाग से बीज लिया। तपती दोपहरी सिंचाई की। धूप में खड़े रहकर मवेशियों से फसलों की सुरक्षा की, और फल लगने की बारी आई तो पत्ते पीले पड़ गए। फलियों में दाने नहीं आए।

गाताखेड़ा गांव के किसान लखन दुबे ने बताया कि तीन एकड़ में सरकारी बीज लेकर उड़द की खेती की थी। दो माह से ज्यादा समय तक मेहनत के बाद अब फल नहीं लगने से परेशान हैं कि नुकसान की भरपाई कैसे होगी। आदिवासी किसान दशरथ ने एक एकड़, भगवान सिंह ने डेढ़ एकड़, मोती बनस्कर ने एक एकड़, रज्जू ठाकुर ने डेढ़ एकड़ में उड़द की खेती की, लेकिन फल जगह की सिर्फ छलावा ही हाथ आया।

सलैया खुर्द गांव के किसान पूरन ठाकुर व मझगवां के किसान गुलाटी पटेल भी उड़द की फसल में फल्लियां नहीं निकलने से परेशान हैं। किसानों ने बताया कि पत्ते पीले पड़ जाने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह पर कई तरह की दवाइयों का भी छिड़काव किया, लेकिन फल नहीं लगे। सिर्फ पत्ते ही आये वो भी पीले पड़ गए।

इस बारे में कृषि विभाग बहोरीबंद के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि कृषि विभाग से छूट में किसानों को दिये गये उड़द के बीज में पीला मोजेक बीमारी लगने के कारण पत्ते पीले पड़ गए। फल नहीं आए। इसकी जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है।

चार साल पहले धान बीज ने दिया था धोखा
किसानों ने बताया कि 2017 में कृषि विभाग से उन्नत किस्म की धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज लिया, लेकिन उसमें बाली नहीं आई। कई किसान भारी आर्थिक संकट की चपेट में आ गए। किसानों ने मांग की है कि कृषि विभाग से सरकारी बीज खराब सप्लाई कर किसानों का विश्वास तोड़कर अगर प्राइवेट कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने का खेल चल रहा है कि ऐसे मामलों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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