इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश के सभी कलेक्टर को शासकीय निर्माण कार्य में जरूरी रेत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अस्थाई अनुज्ञा स्वीकृति का अधिकार दिया है। इसके लिए मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 66 के तहत नियम 68 की शर्तों को शिथिल भी कर दिया गया है।
सरकार के इस निर्णय का लाभ उन जिलों में ज्यादा होगा जहां रेत ठेका प्रारंभ नहीं हुआ था। कटनी में रेत के लिए ठेका कंपनी ने शर्तों को पूरा कर लिया है। इस बीच कुछ खदानों में अगर कुछ कागजी कार्रवाई शेष रह गई थी तो उसे अब जिलास्तर पर ही पूरा कर काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।
जिले के प्रभारी खनिज अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि कोरोना में बंद पड़े काम को प्रारंभ करने और आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए रेत की जरूरत पड़ेगी। अब कलेक्टर की अनुमति से ऐसे निर्माण के लिए रेत उपलब्धता संबंधी अस्थाई अनुज्ञा जारी हो सकेगी।
जून माह तक ही वैध
कलेक्टर को रेत उत्खनन के लिए अस्थाई अनुज्ञा जारी करने का अधिकार जून माह तक के लिए ही रहेगा। जिन जिलों में बारिश जल्दी प्रारंभ होगी वहां बारिश के बाद ही इस नियम को शिथिल मान लिया जाएगा। अस्थाई अनुज्ञा जारी करने के दौरान कलेक्टर को निर्माण का कार्यआदेश और स्टीमेट भी संलग्न करना होगा।