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जिंदगी और मौत के बीच छटपटाता रहा व्यक्ति, जीआरपी ने कहा मर जाए तब सूचना देना, आरपीएफ बोली हमारा नहीं कार्य क्षेत्र

locationकटनीPublished: May 31, 2019 01:07:39 pm

Submitted by:

balmeek pandey

स्टेशन परिसर में डेढ़ घंटे तड़पता रहा अज्ञात व्यक्ति, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे दोनों विभाग, 108 की मदद से रेलवे के अधिकारियों ने पहुंचाया अस्पताल

GRP and RPF had taken anesthesia

GRP and RPF had taken anesthesia

कटनी. ‘देश-भक्ति जन सेवा’ इस तमगे के साथ खाकी को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से लगातार आरपीएफ और जीआरपी स्टॉफ द्वारा बरती जा रही संवेदनहीनता के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को एकबार फिर सामने आया। मुख्य रेलवे स्टेशन परिसर में एक अज्ञात व्यक्ति बेहोशी की हालत में पड़ा रहा। सूचना पर रेलवे के अधिकारियों ने आरपीएफ और जीआरपी को सूचना दी लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। डिप्टी एसएस कॉमर्शियल शंकर साहू ने बताया कि बुधवार की दोपहर 12 बजकर 15 मिनट में सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति स्टेशन परिसर में शेड के नीचे अचेत पड़ा है। उसे उल्टियां हो रही हैं। वे तत्काल मौके पर पहुंचे। 12.18 पर आरपीएफ पोस्ट पर सूचना दी। आरपीएफ स्टॉफ आरके तिवारी से बात हुई। उन्होंने कह दिया कि यह जीआरपी का मामला है। इसी बीच 12.20 पर एनकेजे हॉस्टिपल में कॉल कर डॉक्टर को बुलाया गया।

डॉक्टर ने किया चेकअप
शंकर साहू ने बताया कि 12 बजकर 22 मिनट में जीआरपी स्टॉफ ओपी द्विवेदी को सूचना दी। इसके बाद भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। एक बजे एडीएमओ एनकेजे डॉ. स्मीथ श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। व्यक्ति की जांच की और तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल भिजवाने के लिए सलाह दी। इस पर फिर जीआरपी को अस्पताल भिजवाने के लिए कहा गया। शंकर साहू ने कहा कि जीआरपी स्टॉफ द्वारा यह कह दिया गया कि जब मर जाए तब सूचना देना। यह काम आरपीएफ का है। इस दौरान डिप्टीएसएस और चिकित्सक ने स्टेशन प्रबंधक से भी समस्या बताई। स्टेशन प्रबंधक कक्ष में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को भी बताया गया। इसके बाद 108 को सूचना दी गई। बगैर मैमो के ही फिर उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया। डॉक्टर का कहना था कि मरीज की हालत सीरियस हो तो फिर उसका तत्काल इलाज शुरू होना आवश्यक होता है। देरी जानलेवा साबित हो जाती है।

पवन एक्सप्रेस में एक युवक की मौत
ट्रेन क्रमांक 11062 मुजफ्फरपुर-लोकमान्य तिलक पवन एक्सप्रेस के एस-1 कोच के टॉयलेट में एक युवक की मौत हो गई है। ट्रेन सुबह 8.20 पर कटनी पहुंची। 9 बजकर पांच मिनट में शव उतारा गया और फिर 9.7 पर ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई। युवक की मौत किन परिस्थितियों में हुई है इसका खुलासा नहीं हुआ है। संभवत: अटैक के कारण मौत बताई जा रही है। जीआरपी ने पीएम कराते हुए मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।

इनका कहना है
आरपीएफ और जीआरपी दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि यदि कोई इस तरह से स्टेशन में घटना होती है या सूचना मिलती है तो तत्काल राहत व उपचार के लिए भेजा जाए। स्टॉफ द्वारा बेहोश पड़े व्यक्ति को जिला अस्पताल भिवजाया गया है। इस तरह से गड़बड़ी न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा। स्टॉफ को संवेदनशील रहने निर्देश दिए जाएंगे।
दिनेश सिंह, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी।

इन दिनों आए दिन समस्या हो रही है। ट्रेनों में अलग-अलग कारणों से यात्रियों की मौत हो रही है। कई बेहोशी की हालत में मिलते हैं। सूचना पर जीआरपी व आरपीएफ को मेमो दिए जाने के बाद समय पर रिस्पांस नहीं मिलता। कई बाई ट्रेनें खड़ी रहती हंै। जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। राहत की बजाय कार्यक्षेत्र को लेकर आरपीएफ व जीआरपी में विवाद फंसता है।
शंकर साहू, डिप्टी एसएस कॉमर्शियल कटनी।

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