108 के कर्मचारियों ने दिखाई तत्परता
जैसे ही घटना की भनक-आस पड़ोस के लोगों को लगी वैसे ही वे तत्काल वे पुलिस और 108 एंबुलेंस को सूचना दी। सूचना मिलते ही तत्काल 108 एंबुलेंस कर्मचारी एंबुलेंस को लेकर मौके पर पहुंचे। इस दौरान एनकेजे पुलिस भी पहुंच चुकी थी। 108 के एंबुलेंस चिकित्सक माखन सिंह और सहयोगी ने तत्परता दिखाई। तत्काल बच्चे को फांसी के फंदे पर लटकी मां के नाल से अलग किया और एंबुलेंस में लेकर पहुंचे तत्काल उसे ऑक्सीजन में रखा। इसके बाद उपचार देते हुए उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। बच्चे को चिकित्सकों ने तत्काल प्राथमिक उपचार करते हुए उसे गहन उपचार के लिए एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया।
पति ने कहा…नहीं पता कारण
लक्ष्मी बाई के चार बच्चे पहले से ही हैं। उसने मौत को क्यों गले लगाया है पति संतोष सिंह को खुद नहीं पता। उसका कहना है कि सुबह पौने 7 बजे जब सोकर उठा तो देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। उसने अवाज लगाई, लेकिन कोई हरकत न सुनाई देने पर संतोष सिंह आसपड़ोस के लोगों को खबर की। सार का दरवाजा खोलकर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी, और शिशु मां के पेट से नाल में लटका हुआ तड़प रहा था। तत्काल स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
भाई ने कहा सबकुछ था ठीक
घटना की जानकारी लगते ही मृतिका का भाई जिवारा थाना विजयराघवगढ़ निवासी अजमेर सिंह पहुंचा। अजमेर सिंह ने पत्रिका से चर्चा के दौरान बताया कि उसे यह नहीं पता कि उसकी बहन लक्ष्मी ने मौत को क्यों गले लगा लिया है। घर पर सबकुछ ठीक चल रहा था। वह कुछ दिन पहले ही बहन के मायके आया हुआ था। उसे कोई तकलीफ नहीं थी, उसने कभी फोन पर भी कोई समस्या नहीं बताई।
मौके पर पहुंचे अधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। स्थानीय लोगों द्वारा सूचना दिए जाने पर एनकेजे पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद सीएसपी एमपी प्रजापति भी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया। मृतिका के पति व परिजनों सहित आसपड़ोस के लोगों से बात की। इसके अलावा जिला एफएसएल अधिकारी डॉ. अविनीश कुमार भी मौके पर पहुंचे और विवेचना शुरू कर दी है।