इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों की त्वचा बड़ों की तुलना में काफी नाजुक होती है। उस पर प्रदूषण, धूल-मिट्टी आदि का प्रभाव बहुत जल्दी होता है। इसीलिए भले ही ठंड का मौसम क्यों न हो, बच्चे को ज्यादा देर तक सीधे सूरज की रोशनी में नहीं रखना चाहिए। सुबह की धूप लेने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं, पर ध्यान रहे कि उन्हें 10 मिनट से ज्यादा धूप में न लिटाएं। छह महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों को धूप में ले जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं, जो खासकर उनकी नाजुक त्वचा के लिए ही बनी हो। बाहर निकलते समय उन्हें सिर पर हैट और शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनाएं। नवजात बच्चों की त्वचा संवेदनशील होती है। उनके लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स जैसे कि साबुन, शैंपू, लोशन आदि का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि वे प्रोडक्ट्स सौम्य हों और खासतौर पर उन्हीं के लिए बने हों।
होठों का रखें ध्यान
बच्चों की त्वचा की सही देखभाल के लिए खुशबू रहित प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। यहां तक कि बच्चों के कपड़े धोने के लिए भी ऐसे डिटर्जेट का इस्तेमाल करें, जिसमें खुशबू न हो। इससे उनकी त्वचा पर रैशेज नही पड़ेगे। यह भी ध्यान रखें कि उनके लिए खुशबूदार प्रोडक्ट्स खरीद रहे हों तो वे अच्छे ब्रांड के हों, क्योंकि खुशबू बनाने के लिए कई बार उत्पादों में हानिकारक तत्वों का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह बच्चे के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। बच्चों में ठंड के मौसम में होठ फटने की समस्या बड़ों की तुलना में आम है। बच्चों के फटे होठों पर ध्यान न देने से कुछ दिन में ही वे घाव का रूप भी ले लेते हैं। बच्चों को फटे होठ की समस्या से बचाने के लिए उन्हें खासतौर से बच्चों के लिए बने लिप बाम हर दो-तीन घंटे पर लगाएं।
ये भी हैं खास सुझाव
– प्राकृतिक यानी कि नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सबसे अधिक फायदेमंद है, जैसे कि नारियल का तेल। यह बहुत हल्का होता है और बच्चे की त्वचा इसे आसानी से सोख लेती है।
– बच्चों की त्वचा को साफ करने के लिए सोप फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें। साथ ही ठंड चाहे कितनी भी ज्यादा हो, उन्हें नहलाने के लिए गर्म पानी की जगह गुनगने पानी का इस्तेमाल करें। ज्यादा गर्म पानी त्वचा की सारी नमी खींच लेता है।
– ठंड के मौसम में बच्चे को हर दिन न नहलाएं। ठंड के मौसम में वातावरण में नमी की कमी होती है, बच्चे को हर दिन नहलाने से उसकी मासूस त्वचा और रूखी हो सकती है। अगर आप उसे हर दिन नहला रही हैं तो दो से तीन मिनट से ज्यादा न नहलाएं।
– बच्चे को वही मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाएं, जो खासतौर से बच्चों के लिए ही बनाई गई हो। नहाने के तुरंत बाद बच्चे को मॉइस्चराइजर लगाएं और इस दौरान कमरे को गर्म रखने की कोशिश करें।
– बच्चे को बहुत ज्यादा ऊनी कपड़े न पहनाएं। ज्यादा ऊनी कपड़े पहनाने से उसके शरीर से पसीना निकलने लगेगा, जिसके कारण उसे रैशेज हो सकते हैं।
– ठंड के मौसम में बच्चे को डाइपर के रैशेज से बचाने के लिए पाउडर की जगह क्रीम का इस्तेमाल करें।