छात्रावास अब तक बिना अनुबंध के चल रहा है, इसके बारे में मुझे जानकारी नही है। पता लगवाया जाएगा। कार्रवाई की जाएगी।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।
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कटनीPublished: Oct 12, 2018 09:49:05 pm
dharmendra pandey
सात माह से बिना अनुबंध चल रहा प्रेमनगर स्थित रेड क्रास सोसायटी का छात्रावास
Hostel without contract
कटनी. छात्रावास में रहने वाले दिव्यांग छात्रों को पैसे की कमीं के कारण किसी प्रकार की असुविधा महसूस न हो। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने दो साल से राशि बढ़ा दी है, लेकिन यह खर्च नहीं हो पा रही है। दो साल से राशि को खर्च करने में छात्रावास का संचालन करने वाली रेडक्रास संस्था की लापरवाही सामने आई है। इतना ही नही संस्था की लापरवाही का आलम यह है कि संचालन को लेकर अब तक अनुबंध ही नही किया गया है। कई माह से यह बिना अनुबंध के ही छात्रावास चल रहा है। अनुबंध को लेकर हुई लेटलतीफी को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि छात्रावास में रहने वाले मूकबधिर छात्रों के साथ कोई घटना-दुर्घटना होती हैं, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। उल्लेखनीय है कि रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं, उसके बाद भी अनुबंध को लेकर लेटलतीफी हुई। इतना ही सोसायटी द्वारा समर्थ विद्यालय का भी संचालन किया जा रहा है। दो साल पहले तक इस विद्यालय में कक्षा 9वीं व 10की कक्षाएं संचालित होती थीं, लेकिन लापरवाही की वजह से ये कक्षाएं बंद हो गई। फिर से कक्षाओं के संचालन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
साल 2011 से रेडक्रास सोसायटी कर रही संचालन-
सिविल लाइन क्षेत्र में संचालित छात्रावास के साथ ही रेडक्रास सोसायटी सक्षम छात्रावास प्रेमनगर का संचालन कर रही है। 50 सीटर वाले छात्रावास का कुछ साल तो बेहतर ढंग से संचालन किया जा रहा था। साल 2016-17 से राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा राशि बढ़ा दी गई। इसके बाद से ही मामला गड़बड़ा गया। शिक्षण सत्र 201-17 व 17-18 में मिली राशि को मूलभूत सुविधाओं के विस्तार, निवासरत छात्रों को ड्रेस, शिक्षकों के वेतन व मनोरंजन के लिए घूमाने-फिराने सहित अन्य व्यवस्थाओं में खर्च करनी थी, लेकिन संस्था के जिम्मेदारों द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
सात माह से जिला सीइओ व डीपीसी दफ्तर में भटक रही फाइल-
छात्रावास के संचालन को लेकर हर साल जिला शिक्षा केंद्र व संस्था के बीच अनुबंध किया जाता है। शिक्षण सत्र 18-19 के संचालन के लिए मार्च माह से फाइल जिला सीइओ व डीपीसी कार्यालय में भटक रही है। डीपीसी एनपी दुबे ने बताया कि साल 2016-17 में संचालन को लेकर गड़बड़ी मिली थी। जिसकी जांच कराई गई। इसके साथ ही संस्था सचिव को कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई जबाव अब तक नहीं दिया गया है। अब तक अनुबंध नहीं हुए है। कार्रवाई चल रही है।