कटनीPublished: May 28, 2018 12:13:26 pm
mukesh tiwari
नगर निगम सीमा क्षेत्र में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का नहीं ध्यान, कार्ययोजनाएं अधर में, लोग परेशान
Ignoring plans in city development
कटनी. नगर का दायरा बढ़ा लेकिन उस हिसाब से की गई विकास की प्लानिंग में अभी तक काम नहीं हो पाया है। विकास कार्यों में योजनाओं की अनदेखी का असर है कि आज भी शहर में कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और लोग परेशान हैं। कई कार्ययोजनाएं तैयार कराई गई हैं लेकिन वे अधर में हैं। कटनी नगर पालिका का गठन सर्वप्रथम ६ जुलाई १८७४ में हुआ था और १९८० में नगर पालिक निगम का गठन मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम १९५६ के आधार पर किया गया। उसके बाद से सड़कों, बाजारों व सुविधाओं में वृद्धि हुई लेकिन प्लानिंग सही न होने से विकास की गति थमी हुई है। व्यापार की दृष्टि से प्रदेश में स्थान रखने वाले शहर में आज भी लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं।
वाणिज्यिक क्षेत्र में पहुंचना दुष्कर
नगर का वाणिज्यिक क्षेत्र गोलबाजार, झंडाबाजार, घंटाघर को माना जाता है। इन क्षेत्रों में यातायात की दृष्टि से कई स्थानों पर वाहनों का पहुंचना मुश्किल है। इन क्षेत्रों में दबाव कम करने के लिए शहरी क्षेत्र की निवेश इकाई क्रमांक एक व दो चाका, पुरैनी, लमतरा की ओर छह हेक्टेयर भूमि में वाणिज्यिक केन्द्र प्रस्तावित हैं लेकिन उस पर आज तक काम नहीं हो पाया है। ट्रांसपोर्ट नगर का काम पिछले कई साल से जारी है लेकिन ट्रांसपोटर्स को शिफ्ट नहीं कराया जा सका है।
गल्ले का थोक व्यापार शिफ्ट, समस्या वैसी ही
नगर में पूर्व में गल्ले का थोक व्यापार घंटाघर में संचालित था। यातायात व्यवस्था को लेकर पहरुआ में लगभग २४ हेक्टेयर में मंडी की स्थापना की गई है लेकिन घंटाघर से मंडी हटने के बाद दिनभर जाम लगना आम बात है। इसी प्रकार झंंडा बाजार व गोलबाजार में किराना को थोक काम होता है, जहां वाहनों का प्रवेश ही नहीं हो पाता। निवेश इकाई क्रमांक १ में थोक किराना व्यापार को भी स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है व आठ एकड़ भूमि प्रस्तावित की गई है। कबाड़ी बाजार, थोक सब्जी, फल व्यापार, कपड़ा बाजार को बाहर ले जाने के प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में हैं।
कृषि की भूमि में कचरे की डंपिंग
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के हिसाब से नक्शे में अमीरगंज पडऱवारा में कृषि भूमि है। खेती के स्थान पर नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निजी कंपनी को प्लांट के लिए भूमि दे दी है। ऐसे में उस क्षेत्र से कृषि का कार्य ही पूरी तरह से समाप्त हो गया है। कृषि के नाम पर प्लांट में जैविक खाद बनाने की बात कही जा रही है।
मुख्य बाजार में नहीं पार्किंग
शहर की बढ़ती आबादी के हिसाब से सड़कों का चौड़ीकरण व विकास भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का हिस्सा होता है। जिसमें वाहनों की संख्या के हिसाब से पार्किंग भी होनी चाहिए। शहर के सुभाष चौक, गोलबाजार, झंडाबाजार, मुख्य मार्ग, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के साथ अन्य बाजारों में वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सड़क में वाहन पार्क होते हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर दो हेक्टेयर क्षेत्र में पार्किंग प्रस्तावित है लेकिन आज तक एक भी स्थान पर कार्य नहीं हो सका है।
खास बातें-
– ६ जुलाई १८७४ को हुआ कटनी नगर पालिका का गठन
– १९८० में नगर पालिक निगम का गठन
– ४५ वार्डों में बांटा गया है शहर
– १२८८५ हेक्टेयर है शहर का क्षेत्रफल
– ९५३ हेक्टेयर क्षेत्र आर्डिनेंस के लिए है सुरक्षित
– तीन लाख के लगभग है शहर की आबादी
– थोक किराना, सब्जी, कपड़ा,कबाड़ी व्यापार प्रस्ताव के बाद भी नहीं हो पाया स्थानांतरित
– बाजारों की तंग गलियों से व्यापारी, खरीददार दोनों परेशान