scriptसातवें वेतनमान की अनदेखी और जबरिया सेवानिवृत्ति उचित नहीं | Ignoring the seventh pay scale and forced retirement is not appropriat | Patrika News

सातवें वेतनमान की अनदेखी और जबरिया सेवानिवृत्ति उचित नहीं

locationकटनीPublished: Dec 12, 2019 09:40:15 pm

शिक्षकों ने कहा सरकार ने नहीं माना आदेश तो होगा उग्र आंदोलन

Teachers performing in front of the Collectorate.

कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करते अध्यापक.

कटनी. सातवें वेतनमान, राज्यशिक्षा सेवा में नई नियुक्ति के स्थान पर शिक्षा विभाग में संविलियन कर प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने, 20-50 के नाम पर जबरिया सेवानिवृत्त करने पर रोक लगाने, तीसरी संतान के नाम पर बेवजह प्रताडऩा पर रोक लगाने, बिना शर्त अनुकम्पा नियुक्ति नियम लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर शासकीय अध्यापक संगठन के नेतृत्व तथा अध्यापक महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर प्रदर्शन कर अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन भेजा।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे, मनीष सोनी, विजयकांत तिवारी, रजनीश तिवारी, मनीष सिंह गौतम, शालिनी तिवारी, स्वाती नायक सहित बड़ी संख्या में अध्यापक मौजूद रहे। शिक्षकों ने कहा कि उनकी मांगो को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है, जबकि ये मांग प्रदेश के लाखों नागरिकों से जुड़ा है। एक शिक्षक के परिवार में पांच से सदस्य जीवकोपार्जन करते हैं। ऐसे में सरकार को उनकी मांगों को गंभीरता से लेनी चाहिए।
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