यहां तो बिना अनुमति निर्माण
कलेक्टर ऑफिस के ठीक सामने नगर निगम द्वारा जहां पर शॉपिंग काम्पलैक्स का निर्माण कराया जाना है, वहां पर जगदीश पटेल के द्वारा बिना अनुमति के तीन मंजिला इमारत बना ली गई है। इस पर भी नगर निगम द्वारा नोटिस जारी कि गया है। इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए जारी नोटिस के बाद मामले को दबाने की कवायद भी खूब चल रही है। 2017 से लेकर 2019 तक 922 नोटिस मामलों में मिशन चौक से लेकर चांडक चौक के अतिक्रमण के नोटिस को छोड़ दिया जाए तो किसी में भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
यहां भी नहीं हुई कार्रवाई
रघुनाथ गंज वार्ड में ज्वाला चक्की के समीप गीता देवी चमडिय़ां के द्वारा अनुमति के विपरीत निर्माण किया गया है। कई माह तक शिकायत होती रही, लेकिन नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पाए। शिकायत के बाद 10 जनवरी को नगर निगम के कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा द्वारा 14 जनवरी को गीता देवी चमडिय़ा द्वारा किए गए अनुमति के विपरीत निर्माण को हटाने नोटिस जारी किया गया, कार्रवाई के लिए कोतवाली थाना प्रभारी को पत्र लिखकर बल मुहैया कराने मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
थोक के भाव जारी हुए नोटिस
आपको जानकार ताज्जबु हो कि हाल के 4 सालों में अनुमति के विपरीत निर्माण, अवैध निर्माण में 934 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन आधा सैकड़ा लोगों पर भी कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ नोटिस देकर खेल किया गया है। वहीं अब कम्पाउंडिंग के नाम पर खूब मनमानी चल रही है। शहर के 45 वार्ड में अनुमति के विपरीत कई निर्माण चल रहे हैं, जिससे देखने वाला कोई नहीं है। इसकी मुख्य वजह है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की तवाबदेही तय नहीं हो रही है।
ऐसे हो रही मनमानी
- पुराने पशु चिकित्सालय के पास नियमों को ताक में रखकर तन गई बिल्डिंग।
- सुभाष चौक में बिना अनुमति के तैयार हुआ बेसमेंट।
- वेंकटेश मंदिर के पास कई बिना अनुमति के हुए निर्माण।
- दुगाड़ी नाला के समीप भी बिना अनुमति के हुए निर्माण।
बरगवां में अनुमति के व बिना अनुमति के निर्माण पर नहीं हुई कार्रवाई।
- गल्र्स कॉलेज के सामने घरेलू मानचित्र पर बनीं दुकानें।
- नगर निगम के अफसरों की सांठगांठ से चल रहा बड़ा खेल।
- सेल्फी प्वाइंट के सामने भी बगैर अनुमति के निर्माण।
इंजीनियर, अधिकारी व आयुक्त पर सवाल
अवैध निर्माण कर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने व मानकों को ताक में रखकर भवन बनाने वालों पर कृपा बनाए रखना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सूत्रों की मानें तो नगर निगम के अफसर अवैध निर्माण स्थल पर दबाव बनाने भी पहुंचे, बकायदा कार्रवाई करने का नोटिस दिया और फिर मामले को रफादफा कर दिया। इस मनमानी पर नगरीय प्रशासन विभाग सहित जिम्मेदार बेखबर हैं। ऐसे में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होना लाजमी हैं।
इनका कहना है
अवैध निर्माण व अनुमति के विपरीत निर्माण पर नोटिस जारी किए गए हैं। शीघ्र ही मनमानी करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। नियमों को ताक में रखकर इस तरह का दुस्साहस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वार्ड के इंजीनियर्स, टाइमकीपर भी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त नगर निगम।