कटनीPublished: Mar 14, 2018 12:04:23 pm
mukesh tiwari
स्वीकृत आठ हेक्टेयर, रेत ठेकेदार कर रहे मनमाना खनन, सांधी गुड़ाकलां निवासियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जताया आक्रोश, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
Illegal mining of sand from river
कटनी. जनपद पंचायत बड़वारा की ग्राम पंचायत गुड़ाकलां के सांधी गांव निवासी मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और रेत ठेकेदारों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नवागत कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि गांव के महानदी घाट में आठ हेक्टेयर की रेत खदान स्वीकृत है जबकि ठेकेदार मनमाने तरीके से पूरे क्षेत्र से रेत निकाल रहे हैं। सरपंच पचौला आदिवासी, आप कार्यकर्ता सुनील मिश्रा, अनिल सेंगर सहित आधा सैकड़ा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार संजीव सूरी, अज्जू बडग़ैंया महानदी से रातों-रात खनन करा रहे हैं, जिसमें जेसीबी व पोकलेन का उपयोग किया जा रहा है। सांघी निवासियों ने शिकायत में कहा है कि नदी में अंधाधुंध रेत खनन से गांव का जल स्तर भी गिरता जा रहा है। खनन से नदी की अधिक गहराई हो जाने से जलीय जीव जंतुओं की मौत हो रही है तो शासन को भी राजस्व की हानि पहुंच रही है। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के जलस्त्रोतों में पानी कम होने से सिंचाई और पेयजल संकट भी बढ़ रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि दो बार उन्होंने रेत पकड़कर तहसीलदार को सूचना दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
परिसर में की नारेबाजी
सांघी निवासियों ने मामले की शिकायत नवागत कलेक्टर केबीएस चौधरी को सौंपी और जांच कराते हुए रेत खनन पर रोक लगाने की मांग की। सांधी निवासियों ने कलेक्टे्रट परिसर में ही प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की और रेत खनन पर कार्रवाई न करने वाले तहसील क्षेत्र के अधिकारियों के तबादले की भी मांग की।
रोजाना कर रहे परेशान, उठा ले जाते हैं सामग्री
कटनी. शहर की सड़कों के किनारे सब्जी का फुटकर व्यवसाय करने वालों को तीन दिन पूर्व नगर निगम ने हटाकर चौपाटी में शिफ्ट कराया था। जिसको लेकर मंगलवार को विक्रेता रैली के रूप में नगर निगम पहुंचे और आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि वे सब्जी व फल आदि का छोटा व्यापार करते हैं और आए दिन नगर निगम के कर्मचारी अतिक्रमण के नाम पर उन्हें हटा देते हैं तो सामग्री उठाकर ले जाते हैं। जिससे उनके सामने परिवार पालने का संकट आ गया है। उनका कहना था कि कचहरी चौक व अस्पताल रोड में उनके बैठने से आवागमन प्रभावित नहीं होता है और उन्हें वहां बैठने की अनुमति दी जाए। एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था न कराए जाने पर आंदोलन की भी चेतावनी सब्जी विक्रेताओं ने दी। जिसपर महापौर व आयुक्त ने व्यवस्था बनाए जाने का आश्वासन दिया।