नलकूप हो रहे ठप
ग्रामीणों ने बताया कि मनमाने खनन से नलकूपों ने काम करना बंद कर दिया। वॉटर लेवल नीचे चला गया है। जिससे कुआं व बोरिंग में पानी नहीं आ रहा, जिससे सिंचाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि 20 से 30 फीट गहराई में रेत निकाली जा रहा है, जबकि मजदूरों से रेत निकाले जाने का प्रावधान है। ग्रामीणों ने कहा कि एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर खनन हो रहा है, इसके लिए न तो खनिज विभाग और ना ही प्रदूषण विभाग ध्यान दे रहा। जिला प्रशासन भी मनमान खनन पर मौन है।

पुलिस ने ग्रामीणों पर जमाई धौंस
ग्रामीणों ने बताया कि खनन कारोबारियों ने फोन कर डायल-100 को बुलाया। पुलिस ने ग्रामीणों की बात नहीं सुनी, उल्टा ग्रामीणों पर ही धौंस जमाते रहे। पुलिस ने कहा कि यहां काम नहीं रोकें, तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर को शिकायत देकर रोकें। पुलिस ने कहा कि ठेकेदार करोड़ों रुपये सरकार को दिया है, यदि रेत नहीं निकालेंगे तो क्या करेंगे। ग्रामीणों से कहा कि उनके काम में हस्ताक्षेप नहीं करें। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि शिकायत करके थक गए हैं, कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब मनमाना खनन नहीं होने दिया जाएगा।
इनका कहना है
यदि बीच नदी में रैम्प बनाकर रेत का खनन मशीनों से किया जा रहा है तो यह गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। मनमाने खनन पर कार्रवाई होगी।
महेश मंडलोई, एसडीएम विजयराघवगढ़।