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इम्यूनिटी बुस्टर दवा वितरण में घोटाला! आयुष विभाग के दावे की जमीन पर नहीं सच्चाई

locationकटनीPublished: Jul 01, 2020 02:32:24 pm

Submitted by:

Faiz

-इम्यूनिटी बुस्टर दवा वितरण में घोटाला!-आयुष विभाग ने किया 7 लाख परिवारों को दवा बांटने का दावा-रहवासियों ने कहा- ‘हमें नहीं मिली अब तक कोई दवा’-जिला आयुष अधिकारी ने दिया जांच का आश्वासन

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इम्यूनिटी बुस्टर दवा वितरण में घोटाला! आयुष विभाग के दावे की जमीन पर नहीं सच्चाई

कटनी/ कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर आयुष विभाग के दवा वितरण में आंकड़ों की बाजीगरी का मामला सामने आया है। कटनी स्थित आयुष विभाग के अधिकारी कोरोना संकट काल में 7 लाख 55 हजार से ज्यादा परिवारों को इम्यूनिटी बुस्टर दवा वितरित करने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा के वितरण का जो दावा पूरे शह के लिए किया गया है, वो कलेक्टर कार्यालय से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में ही कई परिवारों को ये दवा नहीं मिली है।

 

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रहवासियों ने कहा- ‘हमें नहीं मिली अब तक कोई दवा’

विश्रामबाबा वार्ड पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के रहवासी मंजूलता, राजकुमार बर्मन व रमेश सहित अन्य लोगों का कहना है कि, उन्हे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा अब तक नहीं मिली है। इस संबंध में आयुष विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की ओर से अब तक कोई भी यहां इस संबंध में जानकारी देने तक नहीं आया है। बता दें कि, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में जिला प्रशासन के अफसरों के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों का निवास है।

आयुष विभाग के अधिकारी कोरोना बीमारी से बचने के लिए व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इम्यूनिटी बुस्टर के रूप में शहर से लेकर गांव-गांव तक त्रिकुट चूर्ण और आयुष काढ़ा जिले भर में 7 लाख 55 हजार 512 व्यक्तियों को दिए जाने का दावा कर रहे हैं। इस संबंध में आयुष विभाग के जिला आयुष अधिकारी डॉ. आर.के सिंह ने बताया कि, विश्राम बाबा वार्ड पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में काढ़ा व दवा वितरण के लिए माधवनगर अस्पताल कर्मचारियों की ड्यूटी थी। टीम को बोलते हैं, अगर लोगों को दवा नहीं मिली है तो वितरण करवाएंगे।

 

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[typography_font:14pt;” >विभाग कर रहा ये दावा

बता दें कि, शहर में दवा वितरण के लिए आयुष विभाग ने सात टीमें तैनात की हैं। प्रत्येक टीम में दो कर्मचारी हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान डोर टू डोर दवा वितरण के दौरान एक दिन में बारह से पंद्रह हजार लोगों को दवा वितरण की बात कही गई।

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