जंगल में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियां होने पर सूचना विभाग को पहुंच जाती थी और जंगल कटने से पहले से संदिग्धों को या तो भगा दिया जाता था या फिर अपराध करते ही पकड़ लिया जाता था। अब लॉकडाउन में ग्रामीणों का निकलना बंद हुआ तो विभाग को जानकारी मिलना बंद हो गया। नुकसान यह हुआ कि जंगल में पेड़ कटने लगे। दो दिन पहले ही कटनी रेंज के पहाड़ी बीट में तीन पेड़ काटकर तस्कर ले गए। विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना बाद में लगी।
वनों की सुरक्षा के लिए सूचना तंत्र का महत्व ऐसे भी समझा जा सकता है कि जिलेभर में 4 हजार वर्गकिलोमीटर ज्यादा क्षेत्रफल में फैले जंगल की सुरक्षा के लिए महज 125 बीटगार्ड ही हैं। एक बीटगार्ड को एक दिन में सात से दस किलोमीटर क्षेत्र में निगरानी की जवाबदारी होती है।
डीएफओ आरके राय बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद लोगों का बाहर निकलना बंद हुआ तो निश्चित तौर पर इसका असर सूचना तंत्र पर पड़ा है। अवैध कटाई रोकने के लिए अब ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है।