कटनीPublished: Apr 23, 2019 12:31:13 pm
mukesh tiwari
बहोरीबंद क्षेत्र में स्टॉफ की कमी, ग्रामीणों को गर्मी में नहीं मिल पा रही राहत, अमले की कमी से नहीं हो पा रहा हैंडपम्पों का सुधार
Improvement of handpumps can not be improved
कटनी. गर्मी में लगातार जलस्तर गिर रहा है और गांवों में लगे हैंडपम्प साथ छोड़ रहे हैं। वहीं सुधार कार्य समय पर न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहोरीबंद क्षेत्र में भी ऐसी ही स्थिति है। यहां पीएचइ विभाग के पास अमले की कमी का खामियाजा ग्रामीण भोग रहे हैं। तहसील में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के आंकड़े के अनुसार दो हजार हैंडपंप हैं। जिसकी मरम्मत के लिए मात्र 11 मकैनिक कार्यरत हैं। जिसमें से नियमित हैंडपंप टेक्निशियन 3, संविदा में तीन मैकेनिक पदस्थ हैं। वहीं कार्यभारित के रूप में 5 टेक्निशियन की पदस्थापना हैं। विभाग में लगभग एक दर्जन पद रिक्त पड़े हैं। वर्तमान स्टॉफ के हिसाब से एक मैकेनिक के भरोसे लगभग दो सैकड़ा हैंडपम्पों की देखरेख का जिम्मा है। नियमानुसार 60 हैंडपम्पों के बीच में एक मैकेनिक की पदस्थापना होनी चाहिए। स्टॉफ कम होने के कारण गर्मी के दिनों में हैंडपम्पों का सुधार कराने के लिए ग्रामीणों को परेशान होना होता है।
लगातार घट रहा जलस्तर
तहसील क्षेत्र के पठार अंचल में लगातार जल स्तर घट रहा है। जिससे गांवों में लगे हैंडपम्पों से घंटों की मशक्कत के बाद लोगों को पानी मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल गर्मी में पाइप लाइन बढ़ाने की जरूरत पड़ती है लेकिन मैकेनिक न मिलने से लोग परेशान होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उपलब्ध स्टॉफ भी ध्यान नहीं दे रहा है। हर गांव में हैंडपम्प खराब पड़े हैं और कार्यालय में बैठकर कागजों में ही सुधार किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल-
कुल हैंडपंप -1980
चालू हैंडपंप – 1700
बंद हैंडपंप – 188
इनका कहना है.
मैकेनिकों के रिक्त पद होने से कार्य तो प्रभावित हो रहा है। गर्मी में काम का दबाव बढ़ जाता है। फिर भी खराब हैंडपम्पों की शिकायत मिलने पर जल्द से जल्द सुधार कराने का प्रयास किया जा रहा है।
सुरेश नाग, एसडीओ पीएचइ विभाग