कटनी

कमीशन लेकर कैफे संचालक युवाओं को फंसाते थे जाल में, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज भी जब्त

संस्थान को भी किया सील, कार्यालय में काम करने वाली युवतियों से भी होगी पूछताछ, अंतरराज्यीय स्तर पर बेरोजगार युवकों को बंधुआ मजदूर बनाने का फैला है कारोबार, बैंगलोर के युवाओं के नाम भी पीडि़तों में शामिल

कटनीMay 31, 2019 / 10:53 am

dharmendra pandey

In the trap, the café operators used to trap the youth with the commission, along with the passport and other documents seized.

कटनी. मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को फंसाने के लिए विश्वकर्मा मेरीटाइम एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संस्थान चलाने वाला खिरहनी निवासी आरोपी सुधीर विश्वकर्मा साइबर कैफे संचालकों की भी मदद लेता था। इसका खुलासा गुरुवार को पुलिस की पूछताछ में हुआ है। आरोपी मप्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बैंगलोर सहित अन्य प्रदेशों में जाकर साइबर कैफे संचालकों को कमीशन देता था और उनसे युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करता था। कैफे में आए युवाओं को संचालक नौकरी दिलाने का झांसा देते और फार्मभर संस्थान के पते पर कोरियर करते थे। इसके अलावा प्रशिक्षण के नाम पर दाखिला लेने वाले युवाओं को भी कमीशन देने के नाम पर अधिक से अधिक लोगों को लाने के लिए कहा जाता था। गुरुवार को माधवनगर पुलिस ने कोचिंग को सील किया। इस दौरान आरोपी के पास से कुछ महाराष्ट्र के कुछ युवाओं के पासपोर्ट भी मिले, जिनकी पुलिस जांच कर रही है। इसके अलावा संस्थान से मिले दस्तावेज, लैपटाप सहित अन्य सामग्री को जब्त किया गया। दूसरी ओर आरोपी की रिमांड पूरी होने पर गुरुवार को मुलाहिजा कराते हुए पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। पुलिस संस्थान में काम करने वाली युवतियों से भी पूछताछ करेगी। आरोपी कोचिंग संचालक पैसा कहां भेजता था। माधवनगर पुलिस बैकों से स्टेटमेंट मंगाएगी।

गोटेगांव का माधव पटेल मलेशिया में हैं एजेंट:
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव का रहने वाला माधव पटेल नामक व्यक्ति मलेशिया में एजेंट है। जिसके जरिए सुधीर विश्वकर्मा यहां से युवाओं को मलेशिया भेजता था। गुरुवार को माधवनगर थाना पहुंचे गाडरवाड़ा निवासी पीडि़त युवक पवन पाली के पिता माखन पाली ने पुलिस को जानकारी दी। पीडि़त ने बताया कि उसे चेन्नई से क्वालालंपुर फिर मलेशिया भेजा गया था। चेन्नई पहुंचने पर सर्टीफिकेट बदल दिया जाता था। वहां से चीफ इंजीनियर बनाकर मलेशिया भेजा जाता था। विश्वकर्मा मेरीटाइम एडं मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संस्थान चलाने वाले सुधीर का तथाकथित पत्रकार भाई सुनील विश्वकर्मा भी उसमें साझीदार है। संस्थान के मिले दस्तावेजों में पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। जिसके चलते उसे भी सहआरोपी बनाया जाएगा। फिलहाल वह गायब बताया जा रहा है।
इनका कहना है:
कंपनी में आरोपी सुधीर विश्वकर्मा का भाई सुनील विश्वकर्मा साझीदार है। उसे भी सहआरोपी बनाया जाएगा। प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
संजय दुबे, माधवनगर थाना प्रभारी।

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