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आठ साल से निर्माण फिर भी अधूरा रह जा रहा आडिटोरियम काम, हैरान कर देगी इसके पीछे की वजह

locationकटनीPublished: Dec 04, 2017 12:08:22 pm

Submitted by:

mukesh tiwari

2008 में सीएम ने की घोषणा, 2009 में आई राशि, अब तक निगम अफसर, जनप्रतिनिधि पूरा नहीं करा पाए काम

Incomplete auditorium

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कटनी. नगर निगम अपने खुद के आयोजन होटलों व मैदान में पैसे खर्च कर रहा है जबकि उसका खुद का आडिटोरियम पिछले आठ साल से निर्माणाधीन है। नगर निगम के अफसर व जनप्रतिनिधि उसे अभी तक पूरा नहीं करा पाए हैं। आठ साल पूर्व शहर के नवीन बस स्टैंड में सर्वसुविधायुक्त आडिटोरियम की नींव रखी गई थी। धीमी गति से हो रहे काम पूरा नहीं हो पाया और अभी भी तीन से चार माह तक उसके पूरे होने की उम्मीद कम नजर आ रही है।
वर्ष 2008 में प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन महापौर संदीप जायसवाल ने आडिटोरियम की मांग रखी थी। जिसमें सीएम ने 50 लाख रुपये की स्वीकृति दी थी और उसमें नगर निगम ने अपनी ओर से 50 लाख रुपये शामिल किए थे। 2009 में राशि आने के बाद आडिटोरियम को पुराने बस स्टैंड में बनाने की योजना थी लेकिन महापौर निर्मला पाठक के कार्यकाल में उसे नए बस स्टैंड परिसर में स्वीकृत कर वर्ष काम प्रारंभ कराया गया। जिसमें गुणवत्ताहीन काम सामने आने व राशि कम पडऩे पर काम बंद रहा।
फिर रखी सीएम के सामने मांग
हॉल के अंदर की सजावट के लिए एक करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। वर्ष 2014 में महापौर रुकमणि बर्मन के कार्यकाल में 27 अक्टूबर को सीएम की सभा के दौरान फिर से वर्तमान विधायक ने आंतरिक साज-सज्जा के लिए राशि की मांग रखी, जिसमें स्वीकृति के साथ ही 2015 में नगर निगम को राशि मिल गई लेकिन उसके बाद से अभी तक आडिटोरियम का काम पूरा नहीं हो पाया है।
नए साल में शुरुआत की तैयारी
नगर निगम आडिटोरियम को वर्ष 2018 के मार्च-अप्रैल तक पूरा कराने का प्रयास कर रहा है। इसको लेकर तैयारी शुरू की गई है। 600 सीटर हॉल के लिए स्लैब ढालने का काम अंतिम दौर में है और सीटों के लिए भी अलग से टेंडर हुए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि काम निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा।
इनका कहना है…
आडिटोरियम का काम तेज गति से करने के निर्देश दिए गए हैं। आंतरिक साज-सज्जा का काम बाकी है और उसे पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। तीन माह के अंदर आडिटोरियम को आधुनिक रूप में शुरू कराया जाएगा।
संजय जैन, आयुक्त नगर निगम

विशेष-
– 2008 में तत्कालीन महापौर ने सीएम के सामने रखी थी मांग
– 50 लाख रुपये की मिली थी स्वीकृति
– नगर निगम ने अपनी ओर से दिए थे 50 लाख
– पुराने बस स्टैंड से नए बस स्टैंड ले जाया गया आडिटोरियम
– 2014 में फिर से सीएम के सामने आंतरिक साज-सज्जा को मांगी गई राशि
– 2015 में एक करोड़ आने के बाद से अब तक नहीं हो पाया काम पूरा
– 600 सीटर बनाया जाना आडिटोरियम
– किचिन, हॉल सहित कमरों की ही व्यवस्था

 

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