कटनी

लाखों रुपये मिलने के बाद भी ये लोग नहीं बना रहे आवास, जानिये क्या है वजह

हिताग्राही आवास बना रहे न विभाग कर रहा वसूली, जिले में पीएम आवास का धीमी पड़ी रफ्तार, 2851 आवास अधर में, किश्त लेने के बाद हितग्राहियों ने किया दुुरुपयोग

कटनीMar 27, 2019 / 11:50 am

balmeek pandey

PM awas incomplete due to lack of installment

कटनी. झुग्गी-झोपड़ी में गुजारा करने वालों को पक्का आशियाने में रहना भा नहीं रहा है तभी तो सरकार से रुपये लेने के बाद भी आवास नहीं बना रहे है। हैरानी की बात तो यह है विभाग व प्रशासन भी पीएम आवास को पूर्ण कराने में अब खास दिलचश्पी नहीं दिखा रहा। जिले में 2851 आवास अधर में लटके हुए है। इसमें से किसी ने प्लंथ तक तो किसी की छत तक नहीं पड़ी है। इसकी मुख्य वजह जिम्मेदारों द्वारा ध्यान न दिया जाना है। जानकारी के अनुसार जिले को 42 हजार 993 आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मंगलवार तक की स्थिति में 40 हजार 142 आवास ही पूर्ण हो पाए हैं। अभी भी 2 हजार 851 आवास अधूरे पड़े हैं। इसमें से कई तो ऐसे हितग्राही है जिन्होंने निर्माण ही नहीं शुरू किया। इस मामले में सभी जनपद मुख्यालय कटनी, विजराघवगढ़, रीठी, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा और बड़वारा से 668 आरआरसी प्रकरण जारी हुए। इसमें वसूली कराया जाना था, लेकिन अबतक एक भी प्रकरण में वसूली की कार्रवाई राजस्व अमले ने नहीं की। सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही यह कार्रवाई सीमित रही।

यह आ रही समस्या
पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई कि कुछ हितग्राहियों ने नियत किए गए आकार से आवास बड़ा बना लिया है जो अब पूर्ण नहीं हो पा रहा है। वहीं इसमें से कई लोग मेहनत-मजदूरी के लिए बाहर चले गए हैं। कई ऐसे भी हितग्राही हैं जिन्होंने आवास के लिए मिली राशि का अन्य कामों में उपयोग कर लिया है। अब ये ऐसे आवास रह गए हैं जिनका निर्माण होना भी बड़ा मुश्किल हो रहा है।

यह है स्थिति
ब्लॉक लक्ष्य पूर्ण अधूरे
बड़वारा 8253 7677 576
बहोरीबंद 8642 8049 593
ढीमरखेड़ा 9802 9103 699
कटनी 5556 5324 232
रीठी 5394 5098 296
विगढ़ 5346 4891 455
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योग- 42113 40142 2851
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इनका कहना है
जिले में 2851 आवास अभी अधूरे हैं। पूर्ण कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ये ऐसे हितग्राही बचे हैं जो राशि लेकर दुरुपयोग कर चुके हैं और कुछ अन्यत्र चले गए हैं। 668 प्रकरणों में आरआरसी भी जारी है। पूर्ण कराने विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
मृगेंद्र सिंह, परियोजना अधिकारी।

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