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डेंगू की दस्तक ने उड़ाए स्वास्थ्य विभाग के होश, अगस्त में 2 मरीज मिले पॉजिटिव, सामने आई बड़ी लापरवाही

locationकटनीPublished: Sep 01, 2018 12:19:15 pm

Submitted by:

balmeek pandey

स्वास्थ्य विभाग बना लापरवाह, संक्रमण वाले क्षेत्र में नहीं कराया मरीजों की जांच, लार्वा सर्वे में भी औपचारिकता

Dengue patient found in bhilwara

Dengue patient found in bhilwara

कटनी. डेंगू ने जिले में दस्तक दे दी है। बहोरीबंद क्षेत्र के दो गांवों में दो लोगों को ब्लड सैंपल में डेंगू की पुष्टि हुई है। क्षेत्र के ग्राम कूडऩ और कछारगांव में डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है। दोनों की तबीयत खराब होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जांच में डेंगू के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर ने उसका सैंपल लिया। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीजों का उपचार किया गया। दोनों ही मरीजों की स्थिति में सुधार है। वहीं जुलाई माह में उमरियापान क्षेत्र के ग्राम भूपार में भी एक मरीज को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हैरानी की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को मरीजों के परिजनों का भी स्वास्थ्य परीक्षण करना था, लेकिन दोनों गांवों में मलेरिया विभाग ने लार्वा सर्वे कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। लार्वा विनष्टीकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मान लिया है कि क्षेत्र के लोग स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो डेंगू की पुष्टि होने के बाद मरीज का लगातार उपचार जारी है। उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

मलेरिया विभाग अब भी बेपरवाह
इधर, बारिश के मौसम में फैली गंदगी और जलजमाव से संक्रमिक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। आलम यह है कि अस्पताल परिसर से लेकर शहर में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। वहीं गड्ढों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की गंदगी किसी से छिपी नहीं है। जिस कारण मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग ने अब तक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया है। वहीं न ही गंदगी वाले क्षेत्रों में दवाइयों का छिड़काव कराया गया है। जिस कारण लोगों को मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।

डेंगू के लक्षण
-डेंगू संक्रमित को बुखार 102 से 104 डिग्री तक 2 से 7 दिन तक रहता है।
-बुखार के साथ तेज सिरदर्द, आंखों के आसपास, शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना।
-शरीर पर चकत्ते बनना। आंतों और मसूड़ों से रक्तस्त्राव होना।
-प्लेटलेट में तेजी से कमी आना।

डेंगू का निदान
-डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल में रेपिड डाइग्नोस्टिक किट उपलब्ध है।
-यह बीमारी वायरस से होती है। इसका उपचार संभव है।
-मरीज को सेलिसिलेट और एस्प्रिन की गोली का सेवन नहीं करना चाहिए।

ये सावधानी बरतें
-डेंगू के संक्रमण से बचाव के लिए पैराथ्रम दवाई को केरोसिन में मिलाकर छिड़काव करें।
-मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें, शरीर को ढंककर रखें और नीम की पत्ती जलाकर धुआं करें।
-घर और आसपास पानी जमा नहीं होने दें। साफ पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है।

इनका कहना है
इस साल दो डेंगू के पॉजीटिव मरीज सामने आए हैं। दो मरीजों का जबलपुर में इलाज चल रहा है। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। मरीज की हालत में सुधार है। तीनों गांवों में लार्वा सर्वे कराया गया है।
शालिनी नामदेव, डीएमओ।

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