मलेरिया विभाग अब भी बेपरवाह
इधर, बारिश के मौसम में फैली गंदगी और जलजमाव से संक्रमिक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। आलम यह है कि अस्पताल परिसर से लेकर शहर में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। वहीं गड्ढों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की गंदगी किसी से छिपी नहीं है। जिस कारण मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग ने अब तक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया है। वहीं न ही गंदगी वाले क्षेत्रों में दवाइयों का छिड़काव कराया गया है। जिस कारण लोगों को मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।
डेंगू के लक्षण
-डेंगू संक्रमित को बुखार 102 से 104 डिग्री तक 2 से 7 दिन तक रहता है।
-बुखार के साथ तेज सिरदर्द, आंखों के आसपास, शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना।
-शरीर पर चकत्ते बनना। आंतों और मसूड़ों से रक्तस्त्राव होना।
-प्लेटलेट में तेजी से कमी आना।
डेंगू का निदान
-डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल में रेपिड डाइग्नोस्टिक किट उपलब्ध है।
-यह बीमारी वायरस से होती है। इसका उपचार संभव है।
-मरीज को सेलिसिलेट और एस्प्रिन की गोली का सेवन नहीं करना चाहिए।
ये सावधानी बरतें
-डेंगू के संक्रमण से बचाव के लिए पैराथ्रम दवाई को केरोसिन में मिलाकर छिड़काव करें।
-मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें, शरीर को ढंककर रखें और नीम की पत्ती जलाकर धुआं करें।
-घर और आसपास पानी जमा नहीं होने दें। साफ पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है।
इनका कहना है
इस साल दो डेंगू के पॉजीटिव मरीज सामने आए हैं। दो मरीजों का जबलपुर में इलाज चल रहा है। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। मरीज की हालत में सुधार है। तीनों गांवों में लार्वा सर्वे कराया गया है।
शालिनी नामदेव, डीएमओ।