
गर्मी से पहले बढ़ा पेयजल संकट : वसूली दिन में दो बार पानी सप्लाई की, हकीकत- दो दिन में एक बार मिल रहा पानी
मध्य प्रदेश के कटनी शहर में पेयजल की समस्या बनी हुई है। दो महीनों से ज्यादा समय से नगर निगम द्वारा बैराज से होने वाले पेयजल की सप्लाई नहीं की जा रही। इसकी मुख्य वजह ये है कि, कटायेघाट के ऊपर 5250 मिलियन लीटर का बैराज बना है। अभी तक 8 फीट पानी का जल स्तर नीचे गिर गया है। बैराज में जहां तक पानी का उपयोग होता है, उसके मान से 1550 मिलियन लीटर पानी बचा है। भविष्य में भीषण जल संकट की स्थिति न बने इसको लेकर प्रभावी कदम उठाए जाने की बजाय शहर में लगभग 10 से 12 एमएलडी पानी की प्रतिदिन सप्लाई कम की जा रही है।
दो माह से विधायक, कलेक्टर समेत अन्य जनप्रतिनिध और अफसर समस्या ने निजात दिलवाने का दावा और वादा किये जा रहे हैं, लेकिन हकीकत तो ये है कि, शहर के बाशिंदाें को दो समय पर्याप्त पानी तक नहीं मिल पा रहा है, जबकि टैक्स की वसूली दो समय सप्लाई की हो रही है।
ये है पानी पहुंचाने की व्यवस्था
समस्या से निजात दिलाने के लिए जबलपुर से रीवा तक जा रही नर्मदा नहर का काम चल रहा है। स्लीमनाबाद के समीप खिरहनी गांव में टनल की खुदाई हो रही है। टनल की बोरिंग के दौरान जो जलस्रोत फूटे हैं, उसके रॉ वाटर को नाले के माध्यम से 400 हॉर्स पॉवर की मशीनें लगाकर कटनी नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। दो-दो सौ एचपी के पंप लगे हैं। जेसीबी और बड़ी मशीन सहित मजदूराें से नाली बनाकर पानी को आगे नर्मदा विकास प्राधिकरण के द्वारा आगे बढ़वाया गया है। तीन दिन से पानी छोड़ने का काम शुरू हो गया है। शीघ्र ही पानी बैराज तक पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद फिल्टर करके शहर में सप्लाई किया जाएगा।
दो दिन छोड़कर हो रही सप्लाई
शहर में दो दिन छोड़कर पानी का सप्लाई हो रही है। कटनी नदी के बैराज से होने वाली सप्लाई बुधवार और शनिवार को नहीं हो रही। यहां पर 16 एमएलडी पानी की आपूर्ति नहीं होती। सिर्फ जिन स्थानाें पर नलकूप हैं उनमें से 7.50 एमएलडी सप्लाई किया जा रहा है।
यह है शहर की डिमांड
शहर में आबादी के अनुसार 32 एमएलडी (मिलियन लीटर) प्रतिदिन की डिमांड है, लेकिन नगर निगम द्वारा सिर्फ साढ़े 23 एमएलडी ही पेयजल की सप्लाई की जा रही है, क्यों नगर निगम के पास पर्याप्त मात्रा में पानी ही उपलब्ध नहीं है।
यह भी बना है प्रस्ताव
विधायक संदीप जायसवाल और कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशन में इमलिया खदान से पानी फिल्टर प्लांट लाने की योजना बनी है। ये योजना ढाई करोड़ रुपए की बनी है। शासन स्तर पर मामले को भेजा गया है। इस योजना का काम धरातल पर नहीं उतरा है। 100 नलकूप खनन के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई है। स्वीकृति और वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया अटकी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
मामले को लेकर एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री सहज श्रीवास्तव का कहना है कि, दो-दो सौ हॉर्स पॉवर के दो मोटरपंप लगाकर टनल के रॉ वॉटर को नाले के माध्यम से कटनी नदी में छोड़ा जा रहा है। तीन दिन से पानी छोड़ने की प्रक्रिया जारी है। आगे की कार्रवाई नगर निगम को करनी है।
वहीं, नगर निगम आयुक्त सत्येंद्र सिंह धाकरे का कहना है कि, शहर में पानी की समस्या को दूर करने के लिए प्रयास जारी हैं। टनल का पानी बैराज आ रहा है। इमलिया से पानी लाने की योजना में तकनीकी स्वीकृति हो चुकी है। प्रशासनिक स्वीकृति होना है, नलकूप खनन के लिए प्रक्रिया जारी है।
Updated on:
23 Mar 2023 04:00 pm
Published on:
23 Mar 2023 03:47 pm
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