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महीनों से खराब पड़ीं मशीनें, लाखों लोगों का खून पी रहे ये जीव, पढिय़े कैसे सामने आई बड़ी बेपरवाही

locationकटनीPublished: Sep 11, 2018 11:13:59 am

Submitted by:

balmeek pandey

जिले में बढ़े मच्छर जनित रोगों के मरीज, जुलाई माह से एक भी बार नहीं हुई फॉङ्क्षगग, स्वास्थ्य विभाग सहित नगर निगम प्रशासन बना बेपहरवाह

Increased mosquito-borne diseases in Katni district

Increased mosquito-borne diseases in Katni district

कटनी. जिले में मच्छरों का डंक दिन-प्रतिदिन हावी हो रहा है। मच्छर लोगों का खून पी-पीकर मौत के मुंह तक जा रहे हैं। मच्छर जनित बीमारियों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के रोगियों में लगातार इजाफा हो रहा है। हैरानी की बात तो यह है लोगों को इन गंभीर बीमारियों से बजारों के लिए लाखों रुपए की लागत से स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने फॉगिंग मशीनें खरीदी हैं, लेकिन हकीकत तो यह है कि दोनों ही विभाग की मशीनें धूल फांक रहीं हैं। लोगों को मच्छर से बचाव के लिए फॉगिंग दवा का छिड़काव करने वाली वाली फॉगिग मशीन खराब पड़ी हैं। शहर में मानसून व बारिश से पैदा होने वाले मच्छरों व पैदा होने वाले लार्वा को खत्म करने के लिए नगर निगम के पास दो फॉगिंग मशीन अधिकारियों की लापरवाही के कारण खराब पड़ी हैं, जिसे ठीक नहीं करवाया जा रहा है। जिले में विगत वर्ष पहले भी मलेरिया व डेंगू के मच्छरों के हमले से सैकड़ों लोग बीमार पड़े गए थे। इससे लोगों की जान भी जा चुकी है। मानसून व बारिश के कारण मच्छरों का हमला बढ़ता चला जा रहा है। इस हमले से बचाव के लिए नगर निगम की दवा छिड़काव वाली फॉङ्क्षगग मशीन खराब होने से दवा का छिड़काव किए बिना ही शहर निवासियों को मच्छरों के हमले से सुरक्षा करनी पड़ रही है।

45 वार्ड, मशीन दो
शहर में 45 वार्ड है। यहां पर शायद ही कोई ऐसा वार्ड हो जहां पर कीचड़ और जलभराव की स्थिति न हो। यहां पर मच्छरों के पैदा होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हैरानी की बात तो यह है शहर में 45 वार्ड हैं, जिसमें करीब 3 लाख से अधिक लोग निवास कर रहे हैं। वार्डों में मच्छरों के बचाव के लिए मात्र एक फॉगिंग मशीन है जो कि अभी तक लोगों को नगर में देखने नहीं मिली, यह केवल शोपीस बनकर रह गई। हालांकि नगर निगम द्वारा कागजों में इसे लगातार चलाया जा रहा है।

पनप रहे मच्छर
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह दूषित पानी भरने से मच्छर पनप रहे हैं लेकिन नगर निगम, नगर परिषद, ग्राम पंचायत, स्वास्थ्य अमला द्वारा दवाइयों को छोड़कर नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मच्छरों से बचाव के लिए नगरवासी मच्छर मारने वाली क्वायल, लिक्विड, आदि खरीद रहे हैं, लेकिन इतने ज्यादा मच्छर पनप जाने के कारण वह भी काम नहीं कर रहे।

यह जिले में मरीजों की स्थिति
बीमारी मरीज
डेंगू 05
चिकनगुनिया 06
हाइड्रोसिल 118
मलेरिया 669

मच्छर जनित ये हैं गंभीर बीमारी
1. मलेरिया- एक पैरासाइट प्लासमोडियम के कारण, यह रोग संक्रमित एनोफेलीज मच्छरों के काटने के माध्यम से फैलता है। ये पैरासाइट्स लिवर में बढ़ते जाते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और उल्टियां शामिल है। अगर इसका तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा हो सकता है।
2. डेंगू फीवर- डेंगू वायरस एडीज इजिप्टी प्रजातियों के मादा मच्छरों से फैलता है और कुछ हद तक ए अल्बोपिक्टस द्वारा फैलता है। इस बीमारी से लक्षणों में हाई फीवर, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द और नाक व मसूड़ों से हल्का खून निकलना शामिल है। डेंगू बुखार को हड्डीतोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीडि़त लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों।
3. चिकनगुनिया- चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला एक ऐसा बुखार है, जो इंसान के शरीर के समस्त जोड़ों को प्रभावित कर शरीर को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। यह संक्रमित बीमारी एडीज एजिप्टी और एडीज अल्बोपिक्टस जैसे संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इस बीमारी में तेज बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और तेज सिर दर्द होता है। इस बीमारी के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है।
04. जिका फीवर- जिका वायरस भी एडीज प्रजातियों के मच्छरों के काटने से फैलती है। इसके लक्षण हल्के होते हैं और इसमें बुखार, ज्वाइंट मसल्स पेन या दाने उठना है। इस वायरस को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है।
05. जापानी एन्सेफलाइटिस- जापानी एन्सेफलाइटिस एक वायरस है जो मच्छरों द्वारा किया जाता है, जिससे मस्तिष्क की सूजन होती है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे कि लंबे समय तक विकलांगता और मृत्यु। वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद जापानी एन्सेफलाइटिस के साथ संक्रमण होता है।

इनका कहना है
स्वास्थ्य विभाग की फॉगिंग मशीन बंद है इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लगभग तीन माह मुझे सीएमएचओ बने हो गए हैं। आज तक मुझे नगर निगम से फॉङ्क्षगग कराए जाने की रिपोर्टिंग नहीं की गई। शीघ्र मशीन को ठीक कराकर शहर सहित संक्रमित क्षेत्रों में मच्छर मारने के लिए फॉगिंग मशीन चलवाई जाएगी।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

नगर निगम में दो फॉङ्क्षगग मशीनें हैं, एक कई दिनों से खराब पड़ती है। एक मशीन से वार्डों में मच्छर मारने के लिए फॉगिंग मशीन चलाई जा रही है। कितने वार्डों में चली है इसकी जानकारी नहीं है। जहां पर डेंगू व मलेरिया के मरीज अधिक हैं वहां पर मशीन चलवाकर मच्छरों को खत्म कराया जाएगा।
एमएल निगम, स्वच्छता अधिकारी, नगर निगम।

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