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International Suicide Prohibition Day : हम समस्या का हिस्सा हैं या समाधान का

locationकटनीPublished: Sep 15, 2019 10:08:22 pm

एक युद्ध अवसाद के विरुद्ध कार्यक्रम में बोले विधायक

International Suicide Prohibition Day, Bhopal, Collector, Program

International Suicide Prohibition Day, Bhopal, Collector, Program

कटनी। राज्य आनंद संस्थान भोपाल के दिशा निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या निषेध दिवस के उपलक्ष्य में कलेक्टर कटनी एवं नोडल आनंदम कटनी के मार्गदर्शन में डाइट कटनी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीएलएड के विद्यार्थियों के बीच निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। निबंध का विषय ‘एक युद्ध, अवसाद के विरुद्ध’ रहा। जिसमें सभी प्रतिभागियों ने विचार लिखें। उसके बाद संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें जनप्रतिनिधि, मनोचिकित्सक, कवि, मीडिया, गृहणी, विद्यार्थी, जिले के आनंदकों की उपस्थिति भी रही। कार्यक्रम का शुभारंभ मिथिलेश जैन अध्यक्ष जिला शहर कांग्रेस कमेटी, प्रोफेसर चित्रा प्रभात, प्रो. सुनील बाजपेई, प्रो. वीके द्विवेदी, राकेश दुबे, राजेंद्र असाटी व्याख्याता डाइट, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर आनंदम अनिल कांबले, मोनिका चेलानी, रोशनी नायक ने किया। कार्यक्रम में विधायक बड़वारा विजय राघवेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। विधायक बसंत सिंह ने बताया कि हमें समाज के लिए जीना है। यदि 100 समस्या है तो उसके 100 समाधान भी हैं, हमें यह देखना है कि हम समस्या का हिस्सा है या समाधान का। जीवन में सफल होना है तो माता-पिता की सेवा करना ही पड़ेगी। संघर्ष ही जीवन है, संघर्ष से ही इंसान निखरता है। इसलिए संघर्ष से घबराना नहीं चाहिए बल्कि संघर्ष से हमें सीखना चाहिए।

टुकड़ों में बांटें लक्ष्य
संगोष्ठी में डॉ. यशवंत वर्मा ने बताया कि अवसाद से व्यक्ति का स्वयं की योग्यता एवं कार्य क्षमताओं से विश्वास उठ जाता है। जिस कारण वे अनुचित साधन या कदम उठाते हैं। अवसाद काम अधिक और आराम कम होने के कारण भी उत्पन्न होता है। यह महिलाओं में अधिकता से पाया जाता है। इससे बचने के लिए हम अपने लक्ष्य को टुकड़ों में बांटे यदि हम शुरू में ही सफलता के लिए बहुत बड़ा लक्ष्य निर्धारित करते हैं और लक्ष्य पाने में असमर्थ रहते हैं तो अवसाद की स्थिति उत्पन्न होती है। शिक्षिका मोनिका चेलानी ने बताया कि बहुत ही कम उम्र में पति की मृत्यु के बाद वे पूर्ण अवसाद ग्रस्त हो चुकी थी किंतु उस परिस्थिति में परिवार के स्नेह एवं आत्मविश्वास के कारण स्वयं को संभाला। प्रो. सुनील बाजपेई ने सामाजिक, परिस्थिति जन्य अवसाद के विषय में विस्तृत चर्चा की। कवि देवेंद्र पाठक ने भी अपनी बात रखी।

जीवन गंवाने के लिए नहीं
प्रो. चित्रा प्रभात तिलक कॉलेज ने कहा कि हमें जिंदगी में कभी हारना नहीं है। मनुष्य का जीवन जीने के लिए है गंवाने के लिए नहीं। उन्होंने कविता के माध्यम से बताया कि जो चट्टानों से ना उलझे, वो झरना किस काम का अर्थात संघर्ष ही मनुष्य को मजबूत बनाता है। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संस्थापक सरमन तिवारी ने अधिकारी कर्मचारी संबंध सहज करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान आत्महत्या पर एक बहुत ही प्रेरक मराठी भाषा का वीडियो दिखाया जिसका हिंदी अनुवाद डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम रीडर अनिल कांबले द्वारा किया गया। मिथिलेश जैन अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी ने कहा कि हमें हमेशा सेवा कार्य करते रहना चाहिए और स्वयं को व्यस्त रखना चाहिए।

भवन की रखी मांग
निबंध प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। जिले में आनंद ऑडिटोरियम निर्माण के लिए भूमि आवंटन एवं आनंद भवन का निर्माण करने की चर्चा हुई। राजेंद्र असाटी ने बताया कि अवसाद ग्रस्त व्यक्ति के साथ हमें 3सी का पालन करना चाहिए। अर्थात पहला सी कनेक्ट, दूसरा सी कम्युनिकेट और तीसरा सी केयर अर्थात जो व्यक्ति अवसाद ग्रस्त है यदि हम उससे संपर्क कर उसे सही सलाह देंगे और उसकी देखभाल करेंगे तो निश्चित तौर पर हम अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को अवसादित होने से बचा सकते हैं।

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