बतादें कि ट्रूनॉट मशीन से जांच के लिए भोपाल से कॉर्टेज आपूर्ति की संख्या को लेकर स्वाास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और जांच टीम के सदस्य भी संतुष्ठ नहीं हैं। इनका कहना है कि कॉर्टेज की कम संख्या के बाद ज्यादा दिनों तक जांच मुश्किल हो जाएगी।
यहां ट्रूनॉट मशीन से जांच के लिए एक-एक हजार कॉर्टेज की दो बार डिमांड भेजने के बाद महज तीस सौ कॉर्टेज भेजा गया है। जांच टीम के सदस्यों का कहना है कि इतने कम कॉर्टेज में ज्यादा दिनों तक जांच नहीं हो पाएगी। जिला अस्पताल के सीएस डॉ. यशवंत वर्मा ने बताया कि कॉर्टेज आने के बाद ट्रूनॉट मशीन से जांच प्रारंभ हो गई है।