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बेजान हो रही हजारों एकड़ की फसलों में अचानक ऐसे आ गई जान, अन्नदाता खुश

locationकटनीPublished: Sep 24, 2020 08:32:00 am

Submitted by:

balmeek pandey

अचानक मेघ हुए मेहरबान, फसलों को मिली संजीवनी, उमरियापान, ढीमरखेड़ा, बहोरीबंद क्षेत्र में बारिश से किसानों को मिली बड़ी राहत, सिंचाई का बचा खर्च व मेहनत, बिजली कटौती व ट्रांसफार्मर खराब होने से भी नहीं कर पा रहे थे सिंचाई

बेजान हो रही हजारों एकड़ की फसलों में अचानक ऐसे आ गई जान, अन्नदाता खुश

बेजान हो रही हजारों एकड़ की फसलों में अचानक ऐसे आ गई जान, अन्नदाता खुश

कटनी। जिले में दो दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है। इससे लोगों को न सिर्फ गर्मी से राहत मिली है बल्कि फसलों को भी एक बार फिर संजीवनी मिल गई है। खासकर धान के लिए बारिश अधिक फायदेमंद तो है ही साथ ही चना आदि की बोवनी के लिए भी किसानों को फायदा होगा। बारिश से सब्जी उगाने वाले किसानों को भी बड़ी राहत मिली है। बता दें कि काफी लंबे अंतराल के बाद जिले में मेघ मेहरबार हुए हैं, नहीं तो काफी दिनों से तेज गर्मी और उमस से लोगों का हाल बेहाल था। उमरियापान क्षेत्र में फसलों को लेकर चिंतित किसानों के चेहरे पर अब रौनक लौट आई है। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों को काफी राहत मिली है। किसानों को पिछले कई दिनों से बारिश का इंतजार था। लंबी खेंच के बाद मंगलवार शाम को कुछ देर झमाझम बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी व उमस राहत मिली। झमाझम के बाद रुक -रुककर बुधवार देररात से दिनभर बारिश होती रही। बारिश से फसलों में जान आ गई है। बारिस से लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश से बस्तियों में जलजमाव हो गया है। कच्ची सड़कों पर कीचड़ मच गया है। सड़कों पर पानी बह रहा है। नालियों का गंदा पानी भी सड़कों के ऊपर से बहने लगा हैं। खेतों में सूख रही फसलों को पानी ने जीवनदान दे दिया है। अब तक निजी व्यवस्था से किसान खेतों की सिंचाई कर रहे थे। बिजली समस्या के चलते फसलों को भरपूर पानी नहीं मिलता था। जिससे किसान परेशान रहे। किसान प्रकाशनाथ साहू, जुगल किशोर काछी,कोदूलाल हल्दकार,पुरुषोत्तम नामदेव ने बताया कि बारिश का पानी खेतों में मिट्टी ने सोख लिया है।फसलों के लिए इसी तरह और अच्छी बारिश होनी चाहिए। बारिश होने से किसानों को कुछ राहत तो मिली है।

बहोरीबंद में अचानक बारिश से राहत
बहोरीबंद क्षेत्र में अचानक हुई बारिश ने फसलों में जान ला दी है। असिंचित क्षेत्र की फसलें सूख रहीं थीं। लोग भी उमस भरी गर्मी से परेशान थे। बिजली समस्या, लो वोलटेज के कारण मोटर पम्प ठीक से पानी नहीं दे पा रहे थे। नौबत तो यहां तक आ गई थी कि लोग अपने पुराने डीजल पम्प को सुधारकर चलाने लगे थे। वर्षा ने सूख रही फसलों को नया जीवनदान दिया है। खासकर बाकल पठार क्षेत्र जो सूखे के लिए जाना जाता है। किसान भगीरथ पटेल, खूब सिंह ठाकुर, जहान सिंह पटेल, गोविंद विश्वकर्मा, तेजी आदिवासी, निर्मल चौधरी, फागूलाल रजक ने बताया की इस बारिश से फसल पूरी तरीके से पक जाएगी और पैदावार में वृद्धि होगी। गर्मी और उमस के कारण फसलों में जो कीट लगते हैं उसका भी खतरा अब कम हो गया है।

झमाझम बारिश से किसानों के खिले चेहरे
स्लीमनाबाद क्षेत्र में बारिश की कमी के चलते क्षेत्र के किसानों के माथे पर छाई मायूसी बुधवार को खुशियों में बदल गई। किसानों के चेहरे पर बुधवार की सुबह हुई बारिश चेहरे खिल उठे। बारिश से धान की फसलों को अमृत मिल गया। वही अभी आसमान में बादलों का डेरा बना हुआ है। कृषक रामनारायण यादव, प्रमोद कुशवाहा, सुशील कुशवाहा, लोकचंद्र साहू ने बताया कि बारिश से धान की फसलों सहित खरीफ की फसलों के लिए अमृत मिल गया है। हल्की बारिश की बौछार के साथ तेज बारिश के कारण यह धरती में अधिक समय तक नमी बनाने में सक्षम होगी। नमी बने होने से बालियां पुष्ट तैयार होगी और किसानों का सिंचाई पर आने वाला अतिरिक्त खर्च बच जाएगा। वर्तमान में धान की फसलें तैयार हो गई है, फूल के साथ बालियां आएगी। ऐसे में बेहतर दाने के लिए किसानों द्वारा सिंचाई की जाती है, लेकिन लगातार बारिश से धान की फसल को अमृत मिल गया है।

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