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प्रदेश सरकार के इस फैसले से वॉटर लेवल बढ़ेगा ना युवाओं को मिलेगा रोजगार मूलक प्रशिक्षण, जानिये क्यों

locationकटनीPublished: Feb 25, 2019 12:10:13 pm

Submitted by:

balmeek pandey

जन अभियान परिषद के कार्यक्रम हुए बंद, प्रस्फुटन समितियों व नवांकुर संस्थाओं को बंद हुआ अनुदान, सरकार की नीति से कई विकास योजनाएं अधर में

Jan Abhiyan Parishad's work plans closed in katni

Jan Abhiyan Parishad’s work plans closed in katni

कटनी. चार जुलाई 1997 को कांग्रेस सरकार ने जन अभियान परिषद की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य समाजसेवी संस्थाओं को जोड़कर विभाग के माध्यम से विकास योजनाओं को न सिर्फ विशेष गति देना बल्कि उनकी मॉनीटरिंग कर उन्हें अमली-जामा पहनाना था। जिसके जिले में कारगार परिणाम भी सामने आए हैं, लेकिन एक बार फिर नई सरकार के गठन से जन अभियान परिषद की सभी कार्ययोजनाएं बंद हो गई हैं। इसका सबसे ज्यादा असर युवाओं पर पड़ा है। परिषद के माध्यम से सैकड़ों युवा रोजगार मूलक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, जो अब बंद हो गई हैं। कई युवाओं को अब डिग्री की भी चिंता सताने लगी है। इसके अलावा वॉटर लेवल बढ़ाने, निरक्षरों को साक्षर बनाने, नेतृत्व क्षमता का विकास करने आदि का काम बंद हो गया है। विभागीय अधिकारी विभाग के आदेश का हवाला देकर संपूर्ण गतिविधयों को जिले में विराम लगा चुके हैं।

ये कार्ययोजनाएं हुईं बंद
01 जन औषधि केंद्र
जन अभियान परिषद के माध्यम से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में वाजिब दाम पर जेनेरिक दवा केंद्र खोले जाने थे। इनका नाम प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र रखा गया था। इसके तहत बिलहरी, विजयराघवगढ़ और सिलौंड़ी में दुकानें तो खुली, लेकिन नई सरकार बनते ही काम बंद हो गया है।

02. नेतृत्व विकास कक्षाएं
जन अभियान परिषद के माध्यम से पिछले कई साल से जिले में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता की शिक्षा दी जा रही थी। जिससे युवाओं को रोजगार मूलक शिक्षा मिल रही थी। कक्षाएं बंद होने से वर्तमान में 650 विद्यार्थियों की डिग्री जहां अधर में है तो वहीं 36 मेंटर्स बेरोजगार हो गए हैं।

03. प्रस्फुटन समितियां
जन अभियान परिषद के माध्यम से जिले में 540 समितियां समाजसेवा का काम कर रहीं थीं। इन समितियों को 10 हजार रुपए सालाना अनुदान जारी हो रहा था। इसमें गांव में सफाई, जल स्त्रोतों का संरक्षण, जागरुकता सहित अन्य काम करतीं थी, जिसके भी जिले में कारगण परिणाम सामने आए हैं।

04. नवांकुर योजना
जन अभियान परिषद के माध्यम से नवांकुर योजना के तहत जिले में व्यापक काम हो रहा था। एक नवांकुर समिति के अंडर में 10-10 गांव थे। जिसमें जल संरचना, स्किल्ड डेवलपमेंट सहित अन्य गतिविधियों को आयाम दे रहीं थी। दिसंबर माह से परिषद की सभी योजनाएं बंद हैं।

परिषद को लेकर खास-खास:
– स्वच्छता, साक्षरता, कुपोषण के लिए काम कर रहा था परिषद व समितियां।
– 9 जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वनयक, 1-1 लेखापाल, ऑपरेटर, चपरासी हैं पदस्थ।
– अनुदान लेकर काम करने वाली समितियों में भ्रष्टाचार रोकने मॉनीटरिंग करता है परिषद।
– शहर व गांव में विकास के लिए समाजसेसियों के बीच सेतु का काम करता है परिषद।
– जल संरचना से 2018 में द प्रतिशत बढ़ा है वॉटर लेवल, जिसमें परिषद को मिला है विशेष सम्मान।
– वॉटर लेवल बढ़ाने जिले में नि:शुल्क 100 से अधिक जल संरचनाओं का किया गया है निर्माण।
– 27 हजार से अधिक निरक्षर परिषद के अंडर में हुए हैं साक्षर, इसमें भी मिला है अवार्ड।

इनका कहना है
परिषद के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र सिंह राजे द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता की कक्षाएं आदि लगाने से मना किया गया है। अन्य योजनाओं पर भी काम बंद हो गया है। जबकि परिषद के माध्यम से जिले में बेहतर काम हुए हैं।
आनंद पांडेय, जिला समन्वयक, जन अभियान परिषद।

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