महिला शक्ति ने संभाली कमान, 100 लोगों को भिजवाया अस्पताल
जिले के विजयराघवगढ़ क्षेत्र में कोराना वायरस संक्रमण से आमजन को बचाने की जिम्मेदारी महिलाओं के कांधे पर है। यहां के व्यवस्था की जिम्मेदारी एसडीएम प्रिया चंद्रावत और एसडीओपी शिखा सोनी संभाल रहीं है। एसडीएम चंद्रावत व एसडीओपी सोनी का वाहन दिनभर सड़क पर घूमते रहे। सड़क पर बिना किसी काम से घूमने वाले लोगों को बुलाकर घर में रहने की समझाइश दी। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने को कहा। इसके राजस्व व पुलिस विभाग के जो अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी पर लगे रहे, उनका भी ख्याल रखा। एसडीओपी सोनी ने बताया कि अकेले कैमोर और विजयराघवगढ़ में 100 ऐसे लोग है जो महाराष्ट्र, पुणे, दिल्ली व मुंबई से आए हैं, उनकी लिस्ट तैयार करवाकर परीक्षण के लिए अस्पताल भिजवाया है। अब सभी लोग डॉक्टर की निगरानी में है। जनता कफ्र्यू का समर्थन किया, जरुरत मंदों के घर जाकर पहुंचाई दूध व दवाई
दवा पहुंचाते शहर के युवक।
जनता कफ्र्यू के दौरान शहरवासियों को दवा व दूध के लिए परेशान न हो पड़े। इसके लिए शहर के कुछ युवाओं ने समूह बनाया। द मलंग फाउंडेशन व समाजसेवा से जुड़े युवक दिलराज सिंह ने बताया कि एक दिन पहले ही उन्होंने सभी साथियों का नंबर सोशल मीडिया में शेयर किया था। रविवार को कफ्र्यू के दौरान जब लोगों को दवा व दूध नहीं मिल पाया तो लोगों ने संपर्क किया। खुद की सुरक्षा करते हुए लोगों के घरों में जाकर दूध व दवाइयां उपलब्ध कराई। इस दौरान इंद्र मिश्रा, सुमित रैकवार, अभिषेक और अरुण यादव मौजूद रहे।
पर्यावरण को नहीं होने दिया दूषित, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने बांटा तुलसी-गिलोय का काढ़ा
रविवार को जनता कफ्र्यू के दौरान जिस समय लोग घरों में रहे, उस दौरान नगर परिषद कैमोर युवाओं का एक समूह खुद की सुरक्षा करते हुए जनसेवा में लगा रहा। विजयराघवगढ़ क्षेत्र की सीमाएं शनिवार रात में सील कर दी गई है। ऐसे में सैकड़ों की संख्या में ट्रक चालक जा नहीं सके। भूख प्यास से परेशान हुए। ऐसे में क्षेत्र के युवा ब्रम्हमूर्ति तिवारी, शिवम तिवारी, नक्खू तिवारी, प्रेमधर बडग़ैया, डॉ. आरके सिंह, आशीष चक्रवर्ती, गुलशन दुबे व उनके साथियों ने ट्रक चालकों को सुबह चाय-नाश्ता कराया। दोपहर में तुलसी और गिलोय का काढ़ा पिलाया। जिससे चालकों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी नहीं। इसमें खास बात यह रहीं की युवाओं ने पर्यावरण को भी प्रदूषित होने नहीं दिया। मिट्टी के कुल्हड़ में काढ़ा बांटा।