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सीमा के आखिरी गांव में पानी, बिजली के लिए लोग बेहाल

locationकटनीPublished: Feb 27, 2021 05:50:31 pm

बहोरीबंद क्षेत्र के बरही, मनगवां, शिवराजीपुरा में एक हैंडपंप के भरोसे गांव की आबादी

Jungle, Village, Water, Electricity, Unemployment, Bahoriband, Bidi

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बहोरीबन्द। तहसील मुख्यालय बहोरीबंद से 15 किलोमीटर की दूरी पर जंगल से सटे कटनी जिले की सीमा का आखिरी गांव है बरही, शिवराजीपुरा और मनगवां उसके मोहल्ला बसे हैं। यहां पर जनजाति गोंड़ जाति के लोग अधिक निवास करते हैं। गांव पहुंचकर जब वहां के लोगों से उनकी समस्या जानी गई तो कई समस्याएं निकलकर सामने आईं। बीड़ी बनाते हुए शिवराजी पुरा निवासी त्रिलोक सिंह, भैयालाल सिंह, केशा बाई ने बताया की हमारे गांव में सबसे ज्यादा समस्या पानी की है। एक ही हैंडपंप है, उसमें भी पानी कम निकलता है। बेरोजगारी भी बहुत ज्यादा है। बीड़ी बनाकर काम चला रहे हैं। 15 दिनों से ट्रांसफार्मर खराब है। एक ही फेस निकल रहा है। इसी प्रकार से मनगवां निवासी भारत सिंह, धनेंद्र सिंह, इंद्र सिंह, बोधा सिंह, रूप सिंह, बाबू सिंह, डीलन सिंह, अभिषेक सिंह ने बताया कि पानी की बहुत ज्यादा समस्या है। एक ही हैंडपंप है, उसमें भी पानी नहीं है।

घर बनाने में भी है समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि निजी भूमि से मिट्टी या रेत लेकर आओ तो वन विभाग वाले पकड़ते हैं, जिससे यहां घर बनाना भी दूभर हो गया है। बहोरीबन्द मुख्यालय यहां से दूर पड़ता है, परिवहन के कोई भी साधन नहीं हैं। एक भी बसें नहीं चल रहीं, जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने कहा कि यहां पर बस चलाई जाएं, ताकि बहोरीबन्द जाने में समस्या न हो।

यहां भी पानी की समस्या
बरही निवासी रूप सिंह, खिलान प्रसाद, नोना बाई ने बताया कि हमारे यहां भी पानी की बहुत बड़ी समस्या है। चार हैंडपंप है जिसमें दो में ही पानी निकलता है। यहां पर लघु और सीमांत कृषक रहते हैं। जिनकी खेती बारिश पर ही निर्भर है। छोटे किसान होने के कारण लोगों को काम नहीं मिलता। लोग अपना काम खुद ही करते हैं। वनोपज में महुआ और तेंदूपत्ता ही इनकी आय का प्रमुख जरिया है।

इनका कहना है
पंचायत अगर आवेदन करेगी तो पंप का स्टीमेट बनाकर दे देंगे, जिससे गहराई का पानी निकाला जा सके। इससे ग्रामीणो को पेयजल में आसानी होगी।
एसएल कोरी, एसडीओ पीएचई बहोरीबंद।

हमारे द्वारा निजी जमीन से मिट्टी निकालने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वन भूमि पर उत्खनन करने पर जरूर वाहन पकड़े जा रहे हैं।
अभय पाण्डेय, वनपरिक्षेत्र अधिकारी बहोरीबंद।

लोग अगर मांग कर रहे हैं तो उनकी मांग पर बस चलवाई जाएगी। शीघ्र ही रूट देखकर इस दिशा में आवश्यक पहल करेंगे।
प्रकाश गुप्ता, बस ऑपरेटर बहोरीबंद।

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