नेट व नेटवर्क की बढ़ रही समस्या, बिजली हो जा रही बंद
पत्रिका से चर्चा के दौरान सुनिधि की मां हेमलता सिंह ने कहा कि बेटी से हर दिन बात हो रही थी, लेकिन वहां पर अब नेट व नेटवर्क की समस्या हो गई है। हालांकि बीच-बीच में वाट्सएप के माध्यम से बात हो रही है। मोबाइल से कई बार कनेक्टिविटी बंद हो जा रही है, जिससे चिंता और भी बढ़ जाती है। हेमलता सिंह ने कहा कि सरकार से यही अपेक्षा है कि सिर्फ हमारी बेटी ही नहीं भारत के जितने भी बच्चे वहां फंसे हुए हैं, वे सुरक्षित वापस आएं। उन्हें लाने के लिए शीघ्र सार्थक प्रयास हों। हेमलता सिंह का कहना है कि अभी तक जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने कोई संपर्क नहीं किया। वे खुद जाकर गुहार लगाएंगी। मीडिया के माध्यम से खबर फैलने के बाद भी संपर्क नहीं किया गया है। हमें यह उम्मीद है कि सरकार अपने स्तर पर काम कर रही होगी, लेकिन इसमें शीघ्रता हो और सार्थक परिणाम में बदला जाए।
ये हैं हालात: सायरन बजा, बंकर में छिपकर बचाई जान
- मां हेमलता ने बताया कि बेटी ने कहा कि रात में सेना का सायरन बजा और अलाउंस हुआ कि सुरक्षित रहने के लिए सेना के बंकर में आएं तो फिर बंकर में जाकर छिपे।
- यूक्रेन में लगातार मैसेज मिल रहे हैं कि आसपास धमाके हो रहे हैं, क्राइसेसे की संभावना थी, लेकिन वार्डर तक ही युद्ध होने की बात मानी जा रही थी, 22 फरवरी से हालात बिगड़ गए हैं।
- बच्चों ने पहले से खरीददारी कर ली है, इसलिए राशन खाद्यान की समस्या तो नहीं है, लेकिन निकट भविष्य में गैस की समस्या निर्मित हो जाएगा, दहशत में खानी-पीना भी बेटी ठीक से नहीं खा पा रही होगी।
- बेटी के अनुसार हालात बहुत ज्यादा खराब हैं, युद्ध वाले भयानक हालात हैं, भारत आने के लिए टिकट बुक हुई थी, लेकिन वह एक्सपायर हो गई और बेटी वापस नहीं आ पाई।
15 फरवरी को वापसी के लिए चल गया था मैसेज
बताया जा रहा है कि रूस द्वारा यूक्रेन में की जा रही घुसपैठ और हमले की बात के बाद जैसे ही युद्ध के हालात निर्मित होने शुरू हो गए तो 15 फरवरी के आसपास से एम्बेसी के द्वारा बाहरी लोगों को सुरक्षित वतन वापसी के लिए मैसेज चला गया था। बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रबंधनों द्वारा क्लासें बंद नहीं की गई थीं और लोगों ने यह कल्पना नहीं की थी कि वाकई युद्ध होने लगेगा, इसको लेकर बच्चे पढ़ाई पर डटे रहे, इसी वजह से सुनिधि भी पढ़ाई में ही डटी रहीं।
डरी हुई है बेटी व सहेलियां
हेमलता सिंह का कहना है कि बेटी सुनिधि का कहना है कि वो और उसकी सहेलियां डरी और सहमी हुई हैं वे भी भारत की हैं। उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि इन कठिन परिस्थितियों वह किससे मदद की गुहार लगाएं। यहां इंडियन एम्बेसी से संपर्क करने पर अभी तक कोई सहायता नहीं की गई। हालांकि तीनों सहेलिया अपने घर के अंदर ही हैं। हेमलता सिंह ने बताया कि पिछले साल सितंबर में वह भारत आई थी और कटनी में कुछ दिन के लिए घर पर भी रुकी थी, इसके बाद वह वापस यूक्रेन चली गई, तभी से वह वहां पर है। सुनिधि ने मां से कहा है कि पिछले कुछ दिनों से यहां की स्थितियां काफी तनावपूर्ण बनी हुई हैं। रूस के हमले के बाद से ही यहां काफी दहशत का माहौल बना हुआ है। आसमान से कब कौन सा मिसाइल यहां गिर जाए, इसको लेकर लोग डरे हुए हैं। दूसरे देशों के लोगों को वतन वापसी के लिए भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सुनिधि ने यह भी कहा कि यहां बड़ी संख्या में मेडिकल के छात्र हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। सभी डरे और सहमे हुए है।
सांसद ने की विदेश मंत्री से बात
बता दें कि शासन-प्रशासन स्तर पर भी लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने प्रयास शुरू हो गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व कटनी-खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने कटनी की बेटी को सुरक्षित वापस लाने के लिए केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन से बात की है। कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षित वतन वापसी होगी।