इनका कहना है
मेरा अचनाक स्वास्थ्य खराब हो गया था जिससे अवकाश पर चला गया था। इस दौरान डायलिसिस मशीन के पाट्र्स आदि के संबंध में प्रक्रिया नहीं हो पाई। 90 हजार रुपये से अधिक का खर्च लगना है। इसके लिए भोपाल मुख्यालय से अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।
डायलिसिस मशीन के सुधार में इतना वक्त क्यों लग रहा है इस संबंध में शीघ्र सिविल सर्जन से चर्चा की जाएगी। मशीन का जल्दी सुधार हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, ताकि किडनी रोगियों केा डायलिसिस कराने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।
आर उमा माहेश्वरी, अपर कलेक्टर