कटनी

मरीजों की विवशता: सप्ताह में दो दिन की बजाय एक बार हो रहा डायलिसिस, सामने आई बड़ी बेपरवाही

जिले में दो दर्जन से अधिक किडनी रोगी जिदंगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। 12 मरीज ऐसे हैं जो जिला अस्पताल में डायलिसिस करा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिला अस्पताल की डायलिसिस मशीन पिछले एक माह से अधिक समय से बंद पड़ी है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा। सिर्फ एक मशीन के माध्यम से ही डायलिसिस किया जा रहा है।

कटनीJun 05, 2019 / 12:29 pm

balmeek pandey

District Hospital’s katni Dialysis Machine Bad

कटनी. जिले में दो दर्जन से अधिक किडनी रोगी जिदंगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। 12 मरीज ऐसे हैं जो जिला अस्पताल में डायलिसिस करा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिला अस्पताल की डायलिसिस मशीन पिछले एक माह से अधिक समय से बंद पड़ी है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा। सिर्फ एक मशीन के माध्यम से ही डायलिसिस किया जा रहा है। हालात यहां तक आ बने हैं कि अब मरीजों का सप्ताह में एक दिन ही डायलिसिस हो पा रहा है, जबकि सप्ताह में दो दिन डायलिसिस अनिवार्य है। कुछ मरीज तो जबलपुर जाकर डायलिसिस करा ले रहे हैं, लेकिन कई सक्षम नहीं हैं। ऐसे में उन्हें अपनी बारी का इंतजार यहीं करना पड़ रहा है, भले ही पीड़ा अत्यधिक है। बता दें कि लगभग 15 दिन पहले इंजीनियर सुधार के लिए पहुंचे थे। 90 हजार रुपये से अधिक के पाट्र्स खराब होने की जानकारी दी थी, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग पाट्र्स क्रय करने के लिए रुपयों की व्यवस्था नहीं कर पाया। स्वास्थ्य विभाग की इस बेपरवाही का दंश किडनी रोगी व उनके परिजन भुगत रहे हैं।

इनका कहना है
मेरा अचनाक स्वास्थ्य खराब हो गया था जिससे अवकाश पर चला गया था। इस दौरान डायलिसिस मशीन के पाट्र्स आदि के संबंध में प्रक्रिया नहीं हो पाई। 90 हजार रुपये से अधिक का खर्च लगना है। इसके लिए भोपाल मुख्यालय से अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।

डायलिसिस मशीन के सुधार में इतना वक्त क्यों लग रहा है इस संबंध में शीघ्र सिविल सर्जन से चर्चा की जाएगी। मशीन का जल्दी सुधार हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, ताकि किडनी रोगियों केा डायलिसिस कराने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।
आर उमा माहेश्वरी, अपर कलेक्टर

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