यह तकनीक और किसी ने नहीं बल्कि जबलपुर रेल मंडल के कटनी डीजल शेड के कर्मचारियों ने विकसित की है। अब कटनी स्टेशन पर आने वाले रेल यात्रियों को इस तकनीक से करेंसी और रेल टिकट लगभग पूरी तरह से विसंक्रमित करके दिया जा रहा है। इन दिनों इन रेल कर्मचारियों की सूझ बूझ वाली जुगाड़ू तकनीक की काफी चर्चा है।
इस मशीन का नाम है “कैश सैनिटाइजर मशीन”। दरअसल इन कर्मचारियों ने ट्रेन से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल करके यह तकनीक विकसित की है। इसके तहत इसमें एक यूवीसी लैम्प लगाया है, जिससे निकलने वाली पराबैगनी किरणें खतरनाक वायरस, जीवाणु को 99.9 फीसदी खत्म कर देती हैं। इस मशीन में लकड़ी के डिब्बे में 11 वॉट का यूवीसी लैंप और स्लाइडिंग ट्रे लगाया गया है। इसमें लगे टाइमर की मदद से 15 सेकेंड में इसमें रखे नोट-टिकट या लिफाफे से पराबैगनी किरणों की मदद से वायरस खत्म कर देता है।
“इस मशीन का प्रयोग अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक टिकट काउंटर पर किया है। यदि इसके बेहतर परिणाम सामने आए तो इसे सभी आरक्षण केंद्र के टिकट काउंटर पर लगाया जाएगा। इसके साथ ही इसे पार्सल रूम, स्टेशन के डाकघर से लेकर उन कार्यालय में लगाया जाएगा, जहां नकदी और कागजों का ज्यादा काम होता है।”-मनोज गुप्ता, सीनीयर डीसीएम,जबलपुर रेल मंडल