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11 साल बीता पर नहीं बन पाया नया पुल, 200 साल पुराने जर्जर पुल से आवागमन मजबूरी

locationकटनीPublished: Jul 06, 2020 03:16:22 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-2009 में शुरू हुआ था निर्माण-4.25 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका

कटनी नदी का 200 साल पुराना जर्जर पुल

कटनी नदी का 200 साल पुराना जर्जर पुल

कटनी. एक दशक से ज्यादा गुजर गया। सवा चार करोड़ रुपये का भुगतान तक हो गया पर कटनी नदी पर नया पुल अब तक चालू नही हो सका है। नतीजतन लोग 200 साल पुराने पुल से आने-जाने को मजबूर हैं। इस पुराने पुल की हालत खस्ता हो गई है। यह कभी भी गिर सकता है। यह सब जानते हुए भी शासन प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। मानों किसी बड़े हादसे का इंतजार हो।
बता दें कि पुराने जर्जर पुल की जगह कटनी नदी पर नया पुल बनाने का काम 2009 में शुरू हुआ। इस निर्माणाधीन पुल पर अब तक सेतु निगम 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। यहां यह भी बता दें कि कटनी नदी के इस नए पुल को सालभर में धनुषाकार आकार दिया जाना था। लेकिन इसी बीच ड्राइंग डिजायन व भूमि अधिग्रहण में कार्य अटक गया। 2017 में काम दोबारा शुरू हुआ लेकिन पूरा नहीं हो सका। काम पुनः बंद हो गया। लगभग तीन साल से ठेकेदार ने काम बंद कर रखा था। अचानक काम शुरू कर ठेकेदार ने पिलर खड़ा कर ढलाई की भी तैयारी शुरू की लेकिन कुछ ही दिनों में ठेकेदार ने सेंटरिंग के बाद उसे निकालकर काम बंद कर दिया। इसी तरह काम शुरू होना और बंद होना लगा रहा। नतीजतन 11 साल बीत गए पर पुल तैयार नहीं हो सका। ऐसे में पुल न बनने से लोग 200 साल पुराने जर्जर पुल से आ-जा रहे हैं, भारी वाहन भी गुजर रहे हैं।
बता दे कि पूर्व में पुल का निर्माण धनुषाकार होना था। धनुषाकार निर्माण न हो पाने के कारण ड्राइंग डिजायन बदली गई। इस बीच कई माह तक काम बंद रहा। ड्राइंग डिजाइन बदले जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ। एक के बाद एक तीन बार मौका दिया गया, काम न होने पर सेतु निगम ने ठेकेदार को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा कार्य में देरी और अधूरा काम छोड़ने पर महंगाई को जोड़ते हुए ठेकेदार के ऊपर जुर्माना भी लगाया जाना था। विभाग ने नए ठेकेदार से काम प्रारंभ कराने की बात कही, लेकिन विभाग ने इस पर अमल नहीं किया। अब यह पुल एक पिलर की बजाय 45-45 मीटर की दूरी में दो पिलर में तैयार होगा। दो स्लैब बनाकर पुल का काम पूरा किया जाएगा। नए पुल से 16 मीटर ऊपर ऑर्च तैयार होगा।
यहां यह भी बता दें कि तीन बार सेतु निगम ने जिस ठेकेदार को किया टर्मिनेट, चौथी बार फिर उसी को दिया काम दिया गया। आखिरी बार किए लिए गए निर्णय के अनुसार जून माह तक तैयार करके पुल को देना था। पुल में काम लगा भी लेकिन ढला स्लैब चटक जाने के बाद हंगामा मचा लेकिन कार्य इसके बाद भी तेजी नहीं पकड़ सका। उसे तोड़ा तक नहीं गया। पुल अब दो पिलरों के सहारे खड़ा हो रहा है।
अब जब मजबूरी में लोग पुराने जर्जर पुल से आवागमन कर रहे हैं तो प्रशासन ने यहां पर बोर्ड लगाकर ही अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है कि भारी वाहन न निकलें यह पुल क्षतिग्रस्त है। लेकिन यहां से हर प्रकार के वाहनों का निकलना बेधड़क जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने कटनी जिले में अच्छी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। इसलिए जर्जर पुल के गिरने की आशंका बनी हुई है। इसके बाद भी जल्दी से पुल निर्माण की दिशा में कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
कंट्रोल ब्लॉस्टिंग से क्षतिग्रस्त हिस्सा तो गिरा दिया गया है लेकिन पुल पर कार्य बारिश के बाद ही लगेगा। इसके बाद काम शुरू होगा और जल्द ही पुल बना दिया जाएगा। – प्रभाकर सिंह, कार्यपालन यंत्री, सेतुनिगम
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