बता दें कि कटनी जिला पंचायत ने महिला सशक्तिकरण के लिए जो नवाचार किया है उसे जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। फिलहाल पॉयलट प्रॉजेक्ट के रूप में कटनी और सिवानी में लागू किया गया है। इससे न केवल लाखों रुपये की बचत होगी बल्कि महिलाओं को काम मिलेगा और वो आत्म निर्भर बन सकेंगी।
यहां बता दें कि जिले में पाठ्यपुस्तकों की कटिंग व बंडलिंग पर हर साल 5-6 लाख रुपये खर्च होते रहे। लेकिन यह रकम अब बच जाएगी। कारण अब पाठ्य पुस्तकों को बीआरसी कार्यालय में ही स्वयंसहायता समूह की महिलाएं पहली से आठवीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकों की विषय व कक्षावार कटिंग व बंडलिंग करेंगी। उसके बाद उसे जन शिक्षा केंद्र भेजा जाएगा और वहां से सीधे जन शिक्षा के अधीन स्कूलों में वितरित किया जाएगा।
माना जा रहा है कि इस नवाचार से जिले की दर्जनों व प्रदेश की हजारों महिलाएं सशक्त होंगी। कटनी और सिवानी की सफलता के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल के आयुक्त के आदेश पर सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत पहली से आठवीं तक के सभी शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण के लिए मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों का चयन कर लिया गया है।
पाठ्य पुस्तक वितरण को चयनित स्वयं सहायता समूह
जमुना स्वयं सहायता समूह, बड़वारा, नवजागृति स्वयं सहायता समूह, बहोरीबंद, गायत्री स्वयं सहायता समूह, ढीमखेड़ा, रौनक स्वयं सहायता समूह, कटनी, प्रगति स्वयं सहायता समूह, हिरवारा रीठी और राखी स्वयं सहायता समूह, पिपरिया को विजयराघवगढ के लिए चुना गया है। इसके साथ ही 6 विकास खंड में बीआरसी कार्यालय से समूह द्वारा पुस्तकों को 51 जन शित्रा केंद्रों के लिए बंडलिंग की जा रही है।
जमुना स्वयं सहायता समूह, बड़वारा, नवजागृति स्वयं सहायता समूह, बहोरीबंद, गायत्री स्वयं सहायता समूह, ढीमखेड़ा, रौनक स्वयं सहायता समूह, कटनी, प्रगति स्वयं सहायता समूह, हिरवारा रीठी और राखी स्वयं सहायता समूह, पिपरिया को विजयराघवगढ के लिए चुना गया है। इसके साथ ही 6 विकास खंड में बीआरसी कार्यालय से समूह द्वारा पुस्तकों को 51 जन शित्रा केंद्रों के लिए बंडलिंग की जा रही है।
यहां यह बता दें कि कुछ दिन पूर्व जिला पंचायत सीईओ के पास पुस्तकों के परिवहन भुगतान की फाइल पहुंची। समीक्षा के बाद पाया गया कि इसमें ज्यादा धनराशि खर्च हो रही है। ऐसे में बीआरसी कटनी विवेक दुबे को महिला सशक्तिकरण व कम खर्च पर एक प्रपोजल तैयार करने को कहा गया। जिले की 6 समूहों का निर्माण कर 60 महिलाओं को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। पाठ्य पुस्तक वितरण कार्य में महिलाओं की सहभागिता के प्रस्ताव को भोपाल मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को भेजा गया। उन्हें यह योजना पसंद आई और उन्होंने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का वादा किया।
“पुस्तकों के परिवहन में अत्यधिक धनराशि खर्च हो रही थी। साथ ही इसमें गड़बड़ी की भी आशंका बनी रहती थी। लिहाजा नया प्रस्ताव तैयार कराया गया। अब महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पहली कक्ष से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मिलने वाली पाठ्य पुस्तकों को पहुंचाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।” जगदीश चंद्र गोमे, जिला पंचायत, सीईओ