मैं झोपडियों का चारण हूं आंसू गाने आया हूं
वीररस के ओजस्वी राष्ट्रीय कवि डॉ हरिओम पवार ने देश की सुरक्षा के लिये सरहद पर तैनात जवानों की पीडा को शब्दों से बयंां किया, तालिबान से लेकर कश्मीर पर अपनी सुप्रसिद्ध रचनाओं से श्रोताओं को ठहरने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा नयी सदी परमाणु बम के गहने पहने बैठी है, कोई कैसे गीत सुनाते कुमकुम बिंदिया रोली के, मैं झोपडियों का चारण हूं आंसू गाने आया हूं, घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने आया हूं। इस दौरान पूर्व मंत्री विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक ने कहा राष्ट्रीय कवियों का नगर में संगम सराहनीय है।
इनकी रही उपस्थिति
कवि व मुक्तिधाम विकास समिति के संस्थापक मनोहर मनोज व ओमप्रकाश सरावगी निशुल्क विद्यालय के डायरेक्टर शरद सरावगी रश्मि सरावगी, विजय सरावगी, अनंदा सरावगी, नरेश पोद्दार, सतीश सरावगी, वंदना सरावगी, मनीष सरावगी, हेमलता सरावगी, टेंट लाईट एसोसिएशन अध्यक्ष अजय सरावगी, रजनीकांत गुप्ता ने पुष्पगुच्छों के साथ राष्ट्रीय कवियों का स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री विजयराघवगढ विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक, भगवानदास माहेश्वरी, प्रवीण बजाज, अभिलाष दीक्षित, टिल्लू सिंधानिया, गीता गुप्ता, सीमा जैन सोगानी, गीता पाठक, मगन जैन, जालिम यादव, कमल खूबचंदानी, खियलदास पंजवानी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।