स्थिति गंभीर हुई तब जागा पीएचइ विभाग
दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया की चपेट में आए ग्रामीणों के साथ पीएचइ अमले ने भी लापरवाही बरती। गांव की स्थिति जब गंभीर हुई तब पीएचइ अमला हरकत में आया और गांव में लगे हैंडपंप व ट्यूबवेल में जाकर ब्लीचिंग पाउडर व दवाइयां डलवाई, जबकि बारिश शुरू होने के दौरान ही कलेक्टर ने पीएचई विभाग को 10 दिन के भीतर दवाइयां डलवाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग के अमले ने लापरवाही बरती। ग्रामीणों ने बताया कि 28 सितंबर को पीएचइ अमले की टीम गांव और जलस्त्रोतों मेें दवाइयां डलवाई। इसके पहले तक हैंडपंप व ट्यूबवेलों में दवाइयां नहीं डाली गई थी।
एक साल से बना हुआ था लीकेज
्रग्राम पंचायत तेवरी के वार्ड क्रमांक-3 व 4 में नलजल योजना के तहत पानी की सप्लाई होती है। एक साल से पाइप लाइन में लीकेज बना हुआ था। लगातार हो रही बारिश के कारण गांव में बनी नालियों में पानी भरा। सप्लाई पाइप के माध्यम से घरों में पिछले कई दिन से गंदा पानी पहुंचना शुरू हुआ तब जाकर जानकारी लगी। इसके बाद ग्राम पंचायत को सूचना दी। आधा सैकड़ा से अधिक लोग जब बीमारी की चपेट में आए तब जाकर पंचायत पदाधिकारियों से सुधार करवाना शुरू किया।
दो डॉक्टरों की लगी थी ड्यूटी, मौके पर मिले एक ही
बीमारों की संख्या बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी। रविवार को एक ही डॉ. राकेश गुप्ता उपचार करते मिल। दूसरी चिकित्सक डॉ. आकांक्षा परिहार रविवार की छुुट्टी होने के कारण चली गईं। हालांकि उनका कहना था कि वे दोपहर तक थीं। उल्लेखनीय है कि दूषित पानी पीने की वजह से ग्राम कुड़वा वार्ड क्रमांक-3 व 4 के करीब 80 से अधिक लोग डायरिया का शिकार हुए थे, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो चुकी हैं।
-बारिश से पहले भी जलस्त्रोतों में दवा डाली गई थी। मामले सामने आने के बाद भी डलवाई गई है। ग्रामीणों का आरोप झूठा है। लीकेज के कारण दूषित पानी घरों में पहुंचा।
इएस बघेल, कार्यपालन यंत्री पीएचइ
-मैं डाटा एंट्री के काम में लगा हूं। स्थिति गांव में सामान्य है और नए कोई मरीज नहीं आए हैं। डॉक्टर गांव में क्यों नहीं हैं, इसकी जानकारी लेंगे।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ
-डॉ. आकांक्षा पिछले दो दिन से लगातार ड्यूटी कर रही थीं। स्थिति सामान्य होने पर उन्हें कुछ समय रेस्ट के लिए छोड़ा गया।
डॉ. एसके पाठक, बीएमओ बहोरीबंद