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गंभीर बीमारी से नहीं उबर पाए कुड़वा मोहल्ला निवासी, अंग्रेजी के साथ देशी उपचार का भी ले रहे सहारा

locationकटनीPublished: Sep 30, 2019 11:50:03 am

Submitted by:

dharmendra pandey

ग्रामीणों का आरोप: गंभीर स्थिति बनी तब पीएचइ अमले ने डलवाई दवाईविभाग के जिम्मेदार ने दी सफाई कहा: बारिश से पहले भी दवा डलवाई गई थी मेरे पास प्रमाण हैं
 

Kudwa Mohalla

वह स्थान जहां से लीकेज थी पाइप लाइन।

कटनी. डायरिया की बीमारी से ग्रसित हुए ग्राम पंचायत तेवरी के कुड़वा मोहल्ला वार्ड क्रमांक-3 व 4 के लोग पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं। गांव में अभी कई लोग डायरिया से ग्रसित हैं। सरकारी अस्पताल पहुंचकर इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा कपड़े में कपूर बांधकर घरेलू उपचार का भी सहारा ले रहे हैं। डायरिया की चपेट में आए ग्रामीणों का जायजा लेने रविवार को पत्रिका टीम गांव पहुंची। वार्डों का भ्रमण किया। यहां पर ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार को गांव में डॉक्टरों की टीम तो घूम रही थी लेकिन रविवार को न तो डॉक्टरों का दल आया और ना ही प्रशासन का। पिछले कई दिन से घरों में दूषित पानी आ रहा था। जिसके बारे में सरपंच व सचिव को सूचना दी गई। सुधार कराने की जगह पंचायत के पदाधिकारियों ने कहा कि लिखित में दो। पता करके बताओ की तुम्हारे घर में ही ऐसी समस्या या सभी के घर। हालांकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों द्वारा अब स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही हैं। साथ ही युवा जन सेवा समिति तेवरी के सदस्यों के सहयोग से लोगों को पानी उबाल कर पीने के लिए जागरुक भी किया जा रहा है।

स्थिति गंभीर हुई तब जागा पीएचइ विभाग
दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया की चपेट में आए ग्रामीणों के साथ पीएचइ अमले ने भी लापरवाही बरती। गांव की स्थिति जब गंभीर हुई तब पीएचइ अमला हरकत में आया और गांव में लगे हैंडपंप व ट्यूबवेल में जाकर ब्लीचिंग पाउडर व दवाइयां डलवाई, जबकि बारिश शुरू होने के दौरान ही कलेक्टर ने पीएचई विभाग को 10 दिन के भीतर दवाइयां डलवाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग के अमले ने लापरवाही बरती। ग्रामीणों ने बताया कि 28 सितंबर को पीएचइ अमले की टीम गांव और जलस्त्रोतों मेें दवाइयां डलवाई। इसके पहले तक हैंडपंप व ट्यूबवेलों में दवाइयां नहीं डाली गई थी।
एक साल से बना हुआ था लीकेज
्रग्राम पंचायत तेवरी के वार्ड क्रमांक-3 व 4 में नलजल योजना के तहत पानी की सप्लाई होती है। एक साल से पाइप लाइन में लीकेज बना हुआ था। लगातार हो रही बारिश के कारण गांव में बनी नालियों में पानी भरा। सप्लाई पाइप के माध्यम से घरों में पिछले कई दिन से गंदा पानी पहुंचना शुरू हुआ तब जाकर जानकारी लगी। इसके बाद ग्राम पंचायत को सूचना दी। आधा सैकड़ा से अधिक लोग जब बीमारी की चपेट में आए तब जाकर पंचायत पदाधिकारियों से सुधार करवाना शुरू किया।
दो डॉक्टरों की लगी थी ड्यूटी, मौके पर मिले एक ही
बीमारों की संख्या बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी। रविवार को एक ही डॉ. राकेश गुप्ता उपचार करते मिल। दूसरी चिकित्सक डॉ. आकांक्षा परिहार रविवार की छुुट्टी होने के कारण चली गईं। हालांकि उनका कहना था कि वे दोपहर तक थीं। उल्लेखनीय है कि दूषित पानी पीने की वजह से ग्राम कुड़वा वार्ड क्रमांक-3 व 4 के करीब 80 से अधिक लोग डायरिया का शिकार हुए थे, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो चुकी हैं।


-बारिश से पहले भी जलस्त्रोतों में दवा डाली गई थी। मामले सामने आने के बाद भी डलवाई गई है। ग्रामीणों का आरोप झूठा है। लीकेज के कारण दूषित पानी घरों में पहुंचा।
इएस बघेल, कार्यपालन यंत्री पीएचइ

-मैं डाटा एंट्री के काम में लगा हूं। स्थिति गांव में सामान्य है और नए कोई मरीज नहीं आए हैं। डॉक्टर गांव में क्यों नहीं हैं, इसकी जानकारी लेंगे।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ

-डॉ. आकांक्षा पिछले दो दिन से लगातार ड्यूटी कर रही थीं। स्थिति सामान्य होने पर उन्हें कुछ समय रेस्ट के लिए छोड़ा गया।
डॉ. एसके पाठक, बीएमओ बहोरीबंद

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