पहली बार अगस्त 2020 में धसकने के बाद मरम्मत कर एमपीआरडीसी विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि ब्रिज का निर्माण मजबूत है। और अगले ही साल 21 जुलाई 2021 में ब्रिज एक बार फिर से धसक गया। गनीमत यह रही कि अचानक ब्रिज धसकने से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। तब ब्रिज के निर्माण और गुणवत्ता पर भी सवाल उठे।
अब एमपीआरडीसी विभाग के अधिकारी नए सिरे से ब्रिज निर्माण की तैयारी में जुट गए हैं। इसमें भी लेटलतीफी का आलम यह है कि अब तक नए निर्माण के लिए ब्रिज की डिजाइन ही तय नहीं हो पाई है।
लमतरा ब्रिज निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी को लेकर शहर विधायक संदीप जायसवाल लगातार सवाल उठाते रहे हैं। अगस्त माह में स्थानीय सांसद और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा ली गई बैठक में भी विधायक ने लमतरा ब्रिज का मुद्दा उठाया था, तब दोषियों पर एफआइआर दर्ज करवाने की बात कही गई थी। इसके एक माह बीत जाने के बाद भी इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
एमपीआरडीसी शहडोल के महाप्रबंधक डीके स्वर्णकार बताते हैं कि लमतरा ब्रिज निर्माण खामियों का अध्ययन उच्चस्तरीय तकनीकी टीम कर रही है। टीम के सदस्य अब तय कर रहे हैं कि आगे किस तरह से ब्रिज का निर्माण किया जाए। इसमें डक्ट युक्त ब्रिज और कुछ स्थान पर फिलिंग और कुछ स्थान पर डक्ट का डिजाइन शामिल है। भोपाल से डिजाइन जल्द मंजूर होने की संभावना है। इसके साथ ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।