उल्लेखनीय है कि शहर में विलुप्त होती तालाबों को लेकर पहले भी नागरिक आवाज बुलंद कर चुके हैं। हालांकि ऐसे मामलों में प्रशासन की ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण भू-माफिया के हौसले बुलंदी पर होती है। इसका सीधा नुकसान शहर की ऐतिहासिक धरोहरों को पहुंच रही है।
शहर के नागरिक सुयश पुरवार ने बताया कि लल्लू भइया की तलैया नजूल की जमीन पर एक मात्र तालाब ही शेष रह गया है। इसे भी मलबा से धीरे-धीरे पाटा जा रहा है। 50 प्रतिशत हिस्से पर मलबा भरा भी गया है। इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करने पर आरआइ जांच के लिए आए थे। हमारी मांग है कि तालाब के पूरे हिस्से को जेसीबी से खाली करवाकर सौंदर्यीकरण किया जाए। इसके लिए हम शहर के नागरिकों से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाने का अभियान चलाएंगे।
इस संबंध में युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनु दीक्षित बताते हैं कि तालाबों के संरक्षण को लेकर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो तेज आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नजूल की जमीन पर हो रहे मनमाने अतिक्रमण पर प्रशासन ने जैसे चुप्पी साध ली है। यहां गिने चुने मामलों में दिखावे की कार्रवाई कर कोरम पूर्ति किया जा रहा है। लल्लू भइया की तलैया शहर की धरोहर है। अगर इस मामले में समय रहते कार्रवाई नहीं होती है तो हम आंदोलन करेंगे।
युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है कि इस मामले में बड़वारा विधायक विजय राघवेंद्र सिंह से भी चर्चा हुई है। उन्होंने भी कटनी जिला मुख्यालय में नष्ट हो रहे तालाबों को लेकर चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही कलेक्टर प्रियंक मिश्रा व एसडीएम कटनी से इस मामले में समय रहते कार्रवाई किए जाने की मांग की है।