1984 में मिली थी मंजूरी
शहर के नागरिकों को स्वयं की जमीन पर मकान का सपना दिखाकर नगर निगम द्वारा 1984 में आवासी योजना क्रमांक 2 के नाम पर दुगाड़ी नाला के समीप भूखंड आवंटित करने की सूचना जारी की और उसका नाम पंडित मुंदिर शर्मा नगर रखा सूचना जारी होते ही भूखंड लेने वाले नागरिकों ने पंजीयन कराया और पंचानवे लोगों ने 1991 में नगर निगम में एक करोड़ 2 लाख रुपये बतौर रजिस्ट्री जमा कराए रजिस्ट्री तो हो गई लेकिन कब्जा पाने आज भी लोग भटक रहे हैं। नगर निगम के आवासी योजना को राज्य सरकार से प्रशासकीय स्वीकृति 17 फरवरी 1984 को मिली इसमें धारा 51 के तहत भू अर्जन की स्वीकृति भी मिली थी।
योजना को लेकर खास-खास
– योजना क्रमांक 2 के नाम से 9.999 हेक्टेयर क्षेत्र आवास योजना के लिए किया गया था चयनित, 194 भूखंड चिंहित क्षेत्र में काटने के बाद 140 भूखंड के आवंटन की हुई थी।
– 54 भूखंड हैं रिक्त, नगर निगम के स्वीकृत नक्शे के आधार पर इसके अलावा 0.377 हेक्टेयर शासकीय भूमि जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी।
– आवासीय क्षेत्र को विकसित कर सड़क बिजली पानी के नाम पर नगर निगम में यहां 17 लाख रुपए खर्च किए थे जिसमें एक विशाल पानी की टंकी मनाई गई थी जो आज भी वहां पर है मौजूद।
– 30 वर्ष पूर्व जब यह योजना बनी थी उस समय उस जमीन की कीमत सामान्य थी, लेकिन अब उस वह क्षेत्र बेशकीमती हो गया है क्योंकि व्यवसाय की दृष्टि से वह भूमि कीमती बन चुकी है इसलिए भी नगर निगम भूखंड देने में आनाकानी कर रहा है।