पीएम के बाद हुआ अंतिम संस्कार
तेंदुए की मौत के मामले में एसडीओ राहुल मिश्रा ने कहा कि तेंदुए के शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया है। उसके बाद अंतिम संस्कार कराया गया। बन्दरी गांव में जहां पर यह हादसा हुआ है वह असुरक्षित है। तस्वीरों के अनुसार कुएं में मुड़ेर नहीं है संभवत: इसी वजह से शिकार के लिए भागते समय या फिर पानी की तलाश में तेंदुए की मौत हो जाना बताया जा रहा है।
सामने आई बेपरवाही
वहीं इस हादसे के बाद कुंडम परियोजना के अधिकारी-कर्मचारियों सहित वन अमले की बेपरवाही सामने आई है। संभागीय प्रबंधक ने रोहनिया दौरे के दौरान कहा था कि लगातार बाघ की मूवमेंट पर नजर रखी जा रहा है। ग्रामीण उसके मूमवेंट को प्रभावित न करें। क्षेत्र में कम जाएं। तेंदुआ के दिखने पर तत्काल अमले को सूचना दें, लेकिन तेंदुआ के तीन दिन पुरानी सड़ी गली लाश मिलने से दोनों विभागों की तत्परता की भी पोल खुलकर सामने आ गई है।
तेंदुए की मौत को लेकर खास-खास
- 12 मार्च को संभागीय आयुक्त कुडम परियोजना मंडल जबलपुर सीमा द्विवेदी ने किया था रोहनिया का दौरा, तेंदुआ के मूवमेंट पर विशेष नजर रखने दिए थे निर्देश, फिर भी हो गई मौत।
- नर तेंदुआ की उम्र 4 से 5 साल की बताई जा रही है, कई दिनों से क्षेत्र में कर रहा था चहलकदमी, कई दिन से था गांव में था दहशत का माहौल।
- दो से तीन दिन पुराना बताया जा रहा तेंदुआ का शव, पानी में गल गई थी बॉडी, रोहनिया वाला ही है तेंदुआ अभी यह स्पष्ट नहीं।
- तेंदुए के मूमवेंट को लेकर कहा जा रहा है कि जंगल से खेत नजदीक होने के कारण
जहां तक जंगल जैसा दिखता है उसे घर मानकर चलते हैं वन्यप्राणी।
- आजतक किसी को नहीं पहुंचाया था नुकसान इसलिए वन विभाग व कुंडम परियोजना के अधिकारियों ने नहीं कराया था तेंदुए का रेस्क्यू, नियम में भी नहीं।
- कुआं असुरक्षित होने के कारण हुआ हादसा, कुआं के चारों तरफ मुडेर बनो, या कांटों से ढंकने दिए गए हैं निर्देश, ताकि मानव जीवन के साथ वन्य प्राणी रहें सुरक्षित।
इनका कहना है
तेंदुए की मौत पानी में डूबने से ही प्रतीत हो रही है। पीएम के समय यह बात सामने आई थी कि लंग्स में पानी भरा हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कुआं असुरक्षित था, इसलिए लोगों को चाहिए कि मानव जीवन के साथ वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए जलस्रातों को सुरक्षित करें।
डॉ. गौरव सक्सेना, रेंजर, वन परिक्षेत्र बड़वारा।