सबसे खराब प्रदर्शन तिरूपति ट्रांसपोर्ट का
उपार्जन केंद्र से गेहूं को सुरक्षित वेयर हाउस तक पहुचाने के लिए विपणन विभाग द्वारा परिवहन के लिए टेंडर निकाले गया। तीन ट्रांसपोटरों को परिवहन का टेंडर दिया। इसमें तिरुपति कार्गों, जीसी चांदवानी और राहुल सलूजा शामिल है। सहकारिता विभाग की मानें तो परिवहन मेे सबसे अधिक लापरवाही तिरुपति ट्रांसपोर्ट की है। खुद काम करने की बजाय उसने किसी कन्हैया तिवारी को पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर परिवहन का ठेका दिया है। जिले में अब तक 82 फीसदी उपज का परिवहन हो चुका है। 18 फीसदी परिवहन होना बाकी है।
32 हजार 500 किसानों से खरीदी गया 208835 मैट्रिक टन गेहूं
समर्थन मूल्य में गेहूें बेचने के लिए 40863 किसानों ने पंजीयन कराया था। जिले में 32 हजार 500 किसानों ने अपनी उपज बेची। 24 मई की स्थिति में 208835 मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है। सहकारिता विभाग की मानें तो गेहूं खरीदी के लिए पिछले साल 16 लाख का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 15 लाख 57 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी गई थी। इस साल 18 लाख का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 20 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है।
ये केंद्र जिसमें परिवहन की रफ्तार धीमी
.विजयराघवगढ़, बिलहरी, बडख़ेरा, पडऱभटा, उमरियापान, मड़ेरा, टोला, ढीमरखेड़ा, पौड़ीकला, खमतरा, मुरवारी, परसेल, दशरमन, कछारगांव बड़ा, सिलौड़ी, अतरसूमा, हदरहटा, पिपरियाकला, बगैहा, धूरी, कौडिय़ा, सलैया कोहारी, कारीतलाई, देवराकला, सिनगौड़ी, पथरहटा, पड़रिया, कैलवारा कला चाका, कैलवाराकला चाका-2, पिलौंजी, हीरापुर कौडिय़ा शामिल है, जिसमें परिवहन की रफ्तार धीमी है।
-परिवहन कर्ताओं को सख्त हिदायत दी गई है। उठाव में यदि लापरवाही बरती जाती है तो सख्त कार्रवाई होगी।
शिखा सिंह वर्मा, जिला विपणन अधिकारी।