script31 केंद्रों में 65 फीसदी से कम परिवहन, प्री-मानसून की बारिश में भीगी उपज तो सरकार को लगेगी लाखों की चपत | Less than 65 percent transport in 31 centers | Patrika News

31 केंद्रों में 65 फीसदी से कम परिवहन, प्री-मानसून की बारिश में भीगी उपज तो सरकार को लगेगी लाखों की चपत

locationकटनीPublished: May 27, 2020 08:38:13 am

Submitted by:

dharmendra pandey

-25 मई से शुरू हो जाती है प्री-मानसून गतिविधि, जिलेभर में 23 फीसदी परिवहन का उठाव होना बाकी, गेहूं खरीदी केंद्र से उपज को सुरक्षित रखवाने जिम्मेदार भी बने लापरवाह

Center

केंद्र में रखा गेहंू

कटनी. जिले में गेहूं खरीदी के लिए बनाए 102 केंद्रों में से 31 केंद्र ऐसे है जिसमें परिवहन की रफ्तार धीमी है। इन केंद्रों में 65 फीसदी से कम उपज का उठाव हुआ है। सबसे कम उठाव कैलवाराकला चाका का है। यहां 40 फीसदी ही गेहूं का परिवहन हो पाया है। इधर परिवहन की रफ्तार बढ़ाने को लेकर जिले का जिम्मेदार अमला भी लापरवाह बना हुआ है। परिवहनकर्ताओं पर जल्दी परिवहन को लेकर दबाव भी नहीं बना पा रहा। बतादें कि जिले में 25 मई से प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाती है। ऐसे में यदि दो तीन दिन के भीतर समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों से गेहूं का उठाव नहीं हुआ और बारिश में केंद्र में रखी उपज भीगी तो कोरोना की इस वैश्विक महामारी में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही सरकार को लाखों रुपये की चपत लगेगी।
163880 मैट्रिक टन गेहूं का हुआ परिवहन
जिले में बनाए गए 102 गेहूं उपार्जन केंद्रों में 3 लाख से अधिक क्विंटल उपज का परिवहन होना बाकी है। 24 मई की स्थिति में 208835 मिट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। 163880 मैट्रिक टन परिवहन भी हो चुका है।

सबसे खराब प्रदर्शन तिरूपति ट्रांसपोर्ट का
उपार्जन केंद्र से गेहूं को सुरक्षित वेयर हाउस तक पहुचाने के लिए विपणन विभाग द्वारा परिवहन के लिए टेंडर निकाले गया। तीन ट्रांसपोटरों को परिवहन का टेंडर दिया। इसमें तिरुपति कार्गों, जीसी चांदवानी और राहुल सलूजा शामिल है। सहकारिता विभाग की मानें तो परिवहन मेे सबसे अधिक लापरवाही तिरुपति ट्रांसपोर्ट की है। खुद काम करने की बजाय उसने किसी कन्हैया तिवारी को पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर परिवहन का ठेका दिया है। जिले में अब तक 82 फीसदी उपज का परिवहन हो चुका है। 18 फीसदी परिवहन होना बाकी है।

32 हजार 500 किसानों से खरीदी गया 208835 मैट्रिक टन गेहूं
समर्थन मूल्य में गेहूें बेचने के लिए 40863 किसानों ने पंजीयन कराया था। जिले में 32 हजार 500 किसानों ने अपनी उपज बेची। 24 मई की स्थिति में 208835 मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है। सहकारिता विभाग की मानें तो गेहूं खरीदी के लिए पिछले साल 16 लाख का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 15 लाख 57 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी गई थी। इस साल 18 लाख का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 20 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है।

ये केंद्र जिसमें परिवहन की रफ्तार धीमी
.विजयराघवगढ़, बिलहरी, बडख़ेरा, पडऱभटा, उमरियापान, मड़ेरा, टोला, ढीमरखेड़ा, पौड़ीकला, खमतरा, मुरवारी, परसेल, दशरमन, कछारगांव बड़ा, सिलौड़ी, अतरसूमा, हदरहटा, पिपरियाकला, बगैहा, धूरी, कौडिय़ा, सलैया कोहारी, कारीतलाई, देवराकला, सिनगौड़ी, पथरहटा, पड़रिया, कैलवारा कला चाका, कैलवाराकला चाका-2, पिलौंजी, हीरापुर कौडिय़ा शामिल है, जिसमें परिवहन की रफ्तार धीमी है।

-परिवहन कर्ताओं को सख्त हिदायत दी गई है। उठाव में यदि लापरवाही बरती जाती है तो सख्त कार्रवाई होगी।
शिखा सिंह वर्मा, जिला विपणन अधिकारी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो