यह है मामला
जानकारी के अनुसार मेसर्स फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालक दौलतराम मेहानी, शंकर मेहानी सहित एक अन्य के द्वारा मंडी में धान खरीदी गई। इसमें फर्म द्वारा साधारण धान खरीदी गई। इस धान में मंडी टैक्स व निराश्रित शुल्क चुकाना पड़ता है। कारोबारी को पांच साल तक बासमती धान में मंडी टैक्स की छूट मिली थी। संचालकों ने इसी का फायदा उठाकर अधिकारियों से सांठगाठ कर बासमती धान के दस्तावेज बनवा लिए। जांच में मामला उजागर हुआ, जिसके बाद 16 दिसंबर 19 को पत्र क्रमांक 4665 के माध्यम से उप संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने मंडी सचिव पीयूष शर्मा को तत्काल राशि जमा कराने कहा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही थी। पत्रिका ने सिलसिलेवार मामले उजागर किए, जिसमें मंडी प्रशासन हरकत में आया, मामले की जांच हुई और बड़ी कार्रवाई हुई है।
इनका कहना है
मेसर्स फेयर फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा साधारण धान को बासमती बताकर मंडी टैक्स की चोरी की गई। निराश्रित शुल्क भी नहीं जमा किया गया था। जांच में गड़बड़ी उजागर होने पर राशि जमा करने नोटिस जारी किया गया था। फर्म संचालक द्वारा राशि न जमा करने पर नियमों व शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर 10 जुलाई को लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
पीयूष शर्मा, मंडी सचिव।