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कुल्हाड़ी मार कर हत्या करने वाले दो सगे भाईयों को आजीवन कारावास

locationकटनीPublished: Apr 27, 2019 11:37:44 am

Submitted by:

dharmendra pandey

चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को सुनाया सजा का फैसला, 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से भी किया दंडित
 

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हाईकोर्ट ऑर्डर

कटनी. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश ने कुल्हाड़ी मार कर हत्या करने वाले दो सगे भाईयों को आजीवन कारवास की सजा का फैसला सुनाया हैं। साथ ही 5000-5000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

डीपीओ हनुमंत किशोर शर्मा ने बताया कि मृतक राजेंद्र सोनी का ग्राम हिनौती में खेत है। 7 जुलाई 2013 को वह बहोरीबंद से बाइक पर बैठकर ग्राम पथराड़ी पिपरिया संदीप सेन के घर गया। उससे खेत में बोनी करने के लिए चलने को कहा। खेत पहुंचकर संदीप सेन व राजेंद्र सोनी ट्रैक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। इतने में आरोपी दुज्जी यादव खेत पहुंचा और सोनी से बोनी करने के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया। आरोपी दुज्जी खेत में ही बैठ गया। कुछ देर में आरोपी नेकलाल यादव आया। वह कुल्हाड़ी लिए हुआ था। खेत पहुंचने पर उसने सोनी से नमस्कार किया और गर्दन पर कुल्हाड़ी से दनादन वार कर दिया। इधर, मौका पाकर संदीप सेन जान बचाकर भाग खड़ा हुआ। रास्ते में ट्रैक्टर चालक पिल्लू बर्मन मिला। जिसको घटना के बारे में जानकारी दी। घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण व परिजन खेत पहुंचे। इलाज के लिए सोनी को बहोरीबंद अस्पताल लेकर आए, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद बहोरीबंद पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध धारा 302, 34 के तहत प्रकरण दर्जकर न्यायालय में चालान पेश किया। साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा का फैसला सुनाया।
इधर, मारपीट के आरोपी पर न्यायालय ने लगाया 1000 रुपये का जुर्माना
कटनी. पुरानी रंजिश को लेकर मारपीट करने वाले आरोपी को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायालय उठने तक की सजा व एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने बताया कि 1 सितंबर 2014 को रात 8.30 बजे के लगभग फरियादी अनुज कुमार नामदेव घर जा रहा था। भजिया बस स्टैंड के पास पहुंचते ही वहां पर मौजूद आरोपी बिहारीलाल गडारी ने रोक लिया और गाली-गलौच के साथ मारपीट की। बड़वारा थाना पहुंचकर फरियादी ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 294, 323, 506 भारतीय दंड संहिता के तहत प्ररकण पंजीबद्ध किया। न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने बिहारी लाल गडारी को दोषी माना। न्यायालय उठने तक की सजा व 1000रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
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