इनका कहना है
इस बार खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद पद के लिए प्रत्याशी कटनी जिले से होना चाहिए। क्योंकि तीन विधानसभा खजुराहो, एक शहडोल में है। बाहरी व्यक्ति कटनी जिले से कोई सरोकार नहीं रख रहा, जिससे जिला विकास में पिछड़ता चला जा रहा है। जिले से योग्य प्रत्याशी दिया जाना चाहिए।
संदीप कुमार जैन, व्यापारी।
बाहर के सांसद आए वे कटनी की तरफ कभी मुंह नहीं किया। वे कभी यह नहीं जाने की आखिर कटनी की जरुरतें क्या हैं। सिर्फ सीट पर ही सुशोभित रहे। अब वक्त आ गया है कि सांसद स्थानीय हो। उसका विजन भी जिले का विकास वाला हो, लेकिन सिर्फ अपना और क्षेत्र विशेष है। जिले में अपार संभावनाएं हैं।
अनूप सिंघई, व्यापारी।
कटनी में उच्च शिक्षा का अभाव है। यह शहर कई जिलों का हब है। इस लिहाज से यहां पर मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज होना अत्यंत आवश्क है। शहर में यातायात और अतिक्रमण की समस्या ज्वलंत है। इन मुद्दों के साथ जो खड़ा हो सके, लोगों की समस्याओं को निपटा सके ऐसे प्रत्याशी को पार्टी इस बार मैदान में उतारे।
मगन जैन, व्यापारी।
सवर्णोंे को 10 फीसदी आरक्षण की बात हुई, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी यह प्रभावी नहीं हुआ। 27 प्रतिशत आरक्षक पिछड़ा वर्ग के लोगों को देने की बात हुई वह भी स्पष्ट नहीं। योग्यता को आरक्षण मिले। राजनीति तुष्टीकरण की नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर आधारित हो। इसबार लोकसभा के चुनाव में इन्हीं सब मुद्दों को लेकर मतदाताओं को अपना फोकस करना चाहिए।
संजीव रांधेलिया, व्यापारी।
जिले में उद्योगों, ट्रांसपोर्ट नगर, व्यापार बिहार सहित अन्य इकाइयों के स्थापना की बात हुई, लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर कुछ दिख नहीं रहा। ऐसे में मुद्दे क्या होंगे यह सभी जानते हैं। कटनी के विकास को लेकर योजनाएं कागजों से बाहर निकलें। स्थानीय व्यक्ति को तरजीह मिले ताकि शहर में कुछ हो सके। सभी लोगों को संयुक्त प्रयास कर स्थानीय प्रत्याशी पर जोर देना चाहिए।
सनत जैन, व्यापारी।
विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। हर कोई धीरे-धीरे चुनाव के रंग में रंगा हुआ है, लेकिन जिले की जनता छली जा रही है। हर बार विकास के नाम पर सिर्फ वादे हुए। ऐसे में अब वक्त है कि इस बार लोग ऐसे व्यक्ति को चुनें जो न सिर्फ सही हो बल्कि उसकी शहर के प्रति संवेदनाएं हों। वह शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि पर अपना फोकस रखे।
राकेश जैन, व्यापारी।