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रिश्वत लेते ट्रैप हुए निरीक्षक का ढाई साल बाद भी चालान पेश नहीं कर पाई लोकायुक्त, जानिए वजह

locationकटनीPublished: Nov 04, 2019 11:01:53 am

Submitted by:

dharmendra pandey

-शराब ठेकेदार से गवाह बदलने को लेकर माधवनगर थाना के पूर्व प्रभारी ने मांगी थी 50 हजार रुपये की रिश्वत
-दूसरी किश्त के दस हजार लेते लोकायुक्त ने की थी कार्रवाई
 

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कटनी. शराब ठेकेदार से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए माधवनगर थाना के पूर्व निरीक्षक केपी मिश्रा का चालान ढाई साल बाद भी लोकायुक्त पुलिस पेश नहीं कर पाई है। निरीक्षक मिश्रा के पहले व बाद में पकड़े गए कई अधिकारियों-कर्मचारियों का लोकायुक्त ने अदालत में चालान पेश कर दिया है। लोकायुक्त की हीलाहवाली के चलते ढाई साल बाद भी मामला अदालत तक नहीं पहुंच सका है।
उल्लेखनीय है कि माधवनगर थाना क्षेत्र के एनएच-7 कश्यप ढाबा पर पुलिस ने जुलाई 2016 में छापा मारकर शराब पकड़ी थी। मामले में शराब बेचने वालों के साथ शराब ठेकेदार अनिल तिवारी को भी पुलिस ने आरोपी बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। ठेकेदार ने मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए एसपी कटनी को आवेदन देकर जांच की मांग की थी। एसपी ने माधवनगर थाना के प्रभारी रहे केपी मिश्रा को जंाच के निर्देश दिए। निरीक्षक ने गवाह बदलने के नाम पर शराब ठेकेदार से 50 हजार रुपये की मांग की थी। एक किश्त देने के बाद शराब ठेकेदार तिवारी ने लोकायुक्त जबलपुर से शिकायत की थी। इसके बाद दूसरी किश्त के रूप में 10 हजार रुपये लेते हुए लोकायुक्त ने अप्रैल 2017 में निरीक्षक मिश्रा को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था।

-चालान पेश करने के लिए प्रदेश सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी, लेकिन अभी तक मिली नहीं है। इस वजह से चालान पेश करने में देरी हो रही है।
अनिल विश्वकर्मा एसपी लोकायुक्त जबलपुर संभाग।

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